बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 मई। समूह पेयजल योजना में हितग्राहियों को आधा पानी दिया जा रहा है। लोगों को योजना के तहत घरों में लगाये गये नलो से सुबह-शाम दो पाली में एक-एक घंटा दिया जाना है। गांवों में केवल सुबह की पाली में नल से पानी दिया जा रहा है वो भी 45 मिनट। नलों में कम समय तक नलों में समय पानी आने के कारण लोगों की जरूरते पूरी नहीं हो पा रही है और ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
बेमेतरा ब्लाक के खारा पानी प्रभावित गांवों को मीठा पानी प्रदाय किए जाने के लिए बनाई गई योजना के तहत 57 गांवों में 75780 लोगों को 70 लीटर प्रतिदिन की आवश्यकता को देखते हुए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए योजना को 2019 से संचालित किया जा रहा है। आमतौर पर पेयजल योजनाओं की तरह भी इस योजना के तहत लोगों को दो पाली में नलो से पानी दिया जाना निर्देशित है, पर इस पेयजल योजना में विभाग एक समय का डंडी मार रहा है और केवल एक समय पानी दे रही है। कम पानी आने की वजह से लोगों को जरूरत के अनुसार पानी नहीं मिल पा रहा हौ। ग्राम लोलेसरा के चम्पेश वर्मा ने बताया कि योजना के चार साल होने की स्थिति मे है पर अभी तक इस योजना को पूर्ण रूपेण अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है। इन चार साल के दौरान समय-समय पर आर्थिक संकट को कारण बातते हुए उपकरणों के संधारण के अभाव में सप्लाई बंद कर दिया जाता है। ग्राम सिरवाबांधां निवासी जेविड कोशले ने बताया कि पूरा गांव खारा पानी प्रभावित गांव है। ऐसे में पीने के पानी के लिए हम लोग शिवनाथ से सप्लाई किये जाने वाले पानी पर ही निर्भर है।
बेमेतरा ब्लाक के 57 गांवों के लिए पांच साल का समय लगा
बताना होगा प्रदेश के सबसे बड़े समूह पेयजल योजना बेेमेतरा जिले के बेमेतरा, साजा व नवागढ़ ब्लाक के खारा पानी प्रभावित गांवों को मीठा पानी उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया गया था। नाबार्ड व राज्यमद से स्वीकृत बेमेतरा समूह पेयजल योजना की लागत 6938 लाख था जिसे 10 फरवरी 14 को स्वीकृत किया गया था जिसके पांच साल बाद 2019 में लोगों के घरो तक नलो के माध्यम से मीठा पानी पहुंचाया गया था।
गर्मी के दिनों में होती है अधिक समस्या
बताना होगा कि गर्मी के दिनों में आमतौर पर लोगों को दीगर सीजन की अपेक्षा अधिक पानी की आवश्यकता होती है। ऐसे में नलो से अधिक पानी आने की जब लोग उम्मीद कर रहे थे तभी केवल एक पाली में पानी दिया जा रहा है।
एक पंप खराब हो चुका
बताना होगा कि एक तरफ पूर्व से ही लोगों को कम पेयजल सप्लाई किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ अमोरा प्लांट में दैनिक तौर पर चलाये जाने वाले तीन मोटरंपप में से एक खराब पड़ा हुआ है जिसके कारण फिलहाल फिल्टर प्लांट में केवल दो मोटर से काम चलाया जा रहा है। जिससे भी सप्लाई प्रभावित हुआ है। बहरहाल बेमेतरा समूह पेयजल योजना के तहत गांवों में घरो तक लगाये गये नलों मेें केवल एक पाली में ही पेयजल सप्लाई किये जाने से लोगों को जलसंकट की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
3 जोन बनाकर आधा पानी ही सप्लाई किया जा रहा
बेमेतरा समूह पेयजल योजना के सभी 57 गांवों के 75 हजार से अधिक लोगों ंतक पानी पहुंचाने के लिए योजना को तीन जोन में विभाजित किया गया है। जिसके प्रथम जोन कोबिया में 870 किलोक्षमता का पानी टंकी बनाकर 32 गांवो को पानी सप्लाई किया जाता है। इस जोन से कंतेली, हथमुडी, भूरकी, डुडा, निनवा, खिलोरा, सावतपुर, तिलाईकुडा, अमोरा, बीजाभाट, अमोरा, बावामोहतरा, नवागाव, खुडमुडी, पेन्डी, मोहरेंगा, सोनपुरी, बालसमुन्द्र, आंदु, बिरमपुर, उसलापुर, कंरजिया, तुमा, ढारा, सनकपाट, छीतापार, बिटकुली, जोगीपुर, खैरी शामिल है। जोन दो बैजी में लोलेसरा, गांगपुर, बहुनवागांव, बैजी, करचुवा, रायखेडा, खंडसरा, जगमडवा, धानाडीह, जोन 3 में ग्राम बंसापुर, मरतरा, सेमरिया, मुरकी ,दाढी, घोरेधाट, सुखाताल, तरके, बिरसिधी, चरधट, बैहरसरी, परसवाडाव पौसरी शामिल है।
पीएचई प्रभारी पंकज जैन के कहा कि बेमेतरा समूह पेयजल योजना में अधिक खपत होने के कारण फिलहाल एक समय पानी दिया जा रहा है। आने वाले स्थिति में सुधार होने के बाद दोनों पाली में पानी सप्लाई किया जाएगा।