महासमुन्द
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 29 मई। महासमुंद मेडिकल कॉलेज में लगाई गई डायलिसिस यूनिट पिछले कई दिनों से मात्र एकटेक्नीशियन के भरोसे चल रही है। फलस्वरूप यहां आने वाले मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही डायलिसिस कराने के दौरान यहां दी जाने वाली आवश्यक दवाएं मरीजों को नहीं मिल पा रही है। ऐसे में यहां आने वाले मरीजों को राजधानी का रुख करना पड़ रहा है।
मालूम हो कि मेडिकल कॉलेज बनने के बाद यहां किडनी के मरीजों को नि:शुल्क डायलिसिस कराने के लिए कोलकाता की एक्साग संजीवनी नामक कंपनी को ठेका दिया गया है जो महासमुंद के अलावा प्रदेश के 23 शासकीय अस्पतालों में सेवा दे रही है। लेकिन खबर है कि अनेक जिलों में डायलिसिस के लिये अयोग्य कर्मचारियों को कंपनी ने काम पर रखा है।
जानकारी अनुसार मेडिकल कॉलेज महासमुंद में 2 टेक्निशियनों में से एक अकुशल है जो डायलिसिस मशीन ऑपरेट करती है और और यहां के कर्मचारी के अवकाश पर होने पर मशीन ऑपरेट करती है। इस संबंध में मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ.बसंत माहेश्वरी का कहना है कि इसका संचालन सीएमएचओ से होता है।
मालूम हो कि नि:शुल्क डायलिसिस प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है। लेकिन जमीनी स्तर पर इस योजना की धज्जियां उड़ रहीहैं।
विभागीय जानकारी के मुताबिक महासमुंद डायलिसिस सेंटर में डायलिसिस कराने के लिए कुल 4 मशीने हैं जिसे 1 टेक्निशियन तथा 1 प्रशिक्षण महिला ऑपरेट करती है। कर्मचारियों की कमी के चलते ही कंपनी यहां 3 शिफ्ट के स्थान पर 2 ही शिफ्ट चला रही है। यदि एक साथ यहां 4 मरीज पहुंच जाएं तो 1 ही कर्मचारी को यहां का काम सम्हालने में मुश्किल हो जाता है।