महासमुन्द
कुपोषण के खिलाफ जंग में मिल रही बेहतर सफलता-संसदीय सचिव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,29मई। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से कुपोषण को मात दी जा रही है। बीते साढ़े चार सालों में कुपोषण के खिलाफ जंग में बेहतर सफलता मिली है। वहीं अब एनीमिया मुक्त भारत अभियान में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर आ पहुंचा है।
संसदीय सचिव व विधायक श्री चंद्राकर ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी वार्षिक एनीमिया मुक्त भारत स्कोर कार्ड में छत्तीसगढ़ राज्य पूरे देश में आईएफ, सप्लीमेंटेशन में तीसरे स्थान पर रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य एनीमिया मुक्त भारत अभियान में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा हैं। आईएफ सपलिमन्टेंशन में राज्य वर्ष 2021.22 में आठवें स्थान में था जो वर्तमान में वर्ष 2022.23 में तीसरे स्थान में पहुंच गया हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने जनता की अपेक्षाओं में खरा उतरकर एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार होने का परिचय दिया है। मुख्यमंत्री ने सेवाभाव और गंभीरतापूर्वक अपने निर्णयों और योजनाओं से लोकहित, जन सुविधा और विकास को गति देने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में लगातार ध्यान दिया जा रहा है। सरकार की नवाचारी योजनाओं मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिकए दाई.दीदी क्लिनिक, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, हमर लैब, मलेरिया मुक्त बस्तर और मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ योजना का संचालन किया जा रहा है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है। छत्तीसगढ़ में लोगों को डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना में 5 लाख रुपए तक की इलाज की सुविधा दी जा रही है।
संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का असर जमीन पर दिखने लगा है। साढ़े चार साल के कार्यकाल में कुपोषित बच्चों की संख्या में 48 प्रतिशत की कमी आई है। इस योजना के तहत नियमित गरम भोजन और पौष्टिक आहार मिलने से प्रदेश की लगभग लाखों महिलाएं भी एनीमिया मुक्त हो चुकी हैं। महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और सुपोषण को प्राथमिकता क्रम में रखते हुए इसके लिए राज्य में डीएमएफ , सीएसआर और अन्य मदों की राशि का उपयोग करने की अनुमति मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दी है और इसमें जनसहयोग भी लिया गया है।
इस योजना के तहत कुपोषित महिलाओं, गर्भवती और शिशुवती माताओं के साथ बच्चों को गरम भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। राशन में आयरन और विटामिन युक्त फोर्टीफाइड चावल और गुड़ देकर लोगों के दैनिक आहार में विटामिंस और मिनरल्स की कमी को दूर करने का प्रयास किया गया है। इसके साथ ही गुणवत्तापूर्ण पौष्टिक रेडी.टू.ईट और स्थानीय उपलब्धता के आधार पर पौष्टिक आहार देने की भी व्यवस्था की है। महिलाओं और बच्चों को फल, सब्जियों सहित सोया और मूंगफली की चिक्की, पौष्टिक लड्डू, अंडा सहित मिलेट्स के बिस्कुट और स्वादिष्ट पौष्टिक आहार के रूप में दिया जा जा रहा है।