राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 30 मई। भारत की संसद की नई ईमारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उदघाटन किया। विभिन्न धर्मों के प्रमुखों और साधु संतों की उपस्थिति में वैदिक विधि-विधान से देश के संसद की इस नई ईमारत का उद्घाटन किया गया। पीएम मोदी ने लोकसभा स्पीकर की कुर्सी के पास राजदंड सेंगोल की स्थापना की। नए संसद भवन के बनने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते जिला पंचायत अध्यक्ष गीता घासी साहू ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का नया संसद भवन नए जोश, नई उमंग, नई सोच, नई दिशा व नई दृष्टि को प्रदर्शित करता है। नए भारत की आशाओं, अपेक्षाओं और अभिलाषाओं की पूर्ति का प्रतीक बनेगा। यह संसद हमारी संस्कृति और आधुनिकता के मिलन का अप्रतिम उदाहरण है। जिसमें एक विकसित भारत को देखा जा सकता है।
श्रीमती साहू ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जब नए भारत का नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित किया और राजधर्म, न्याय, निष्पक्षता, संप्रभुता, अक्षुण्णता एवं सामथ्र्य को साष्टांग दंडवत प्रमाण किया, तब वह क्षण ऐतिहासिक था। यह पल देश के लोकतांत्रिक इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।
उन्होंने कहा कि नया संसद भवन नए भारत की दिशा में अपना अहम योगदान देगा और यह देश की विकास गाथा का प्रतीक बनेगा।
इस खुशी के पल को कुष्ठ आश्रम में रहने वालों के साथ बांटा और उन्हें भोजन कराया। उन्होंने कहा कि नया संसद भवन भारत की लोकतांत्रिक यात्रा का गौरवशाली स्तंभ है।