राजनांदगांव
जनहित के मुद्दों पर टकराने वाले पार्षद ठेके के लिए अघोषित साझेदार बने
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 मई। ठेका पद्धति से शहर की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए नगर निगम ने एक बार फिर 28 वार्डों की सफाई का जिम्मा ठेकेदारों के हवाले कर दिया है। पिछले कुछ सालों में नगर निगम का दावा रहा है कि ठेका पद्धति से सफाई व्यवस्था बेहतर हो रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस के करीबियों को 28 वार्डों का सालभर के लिए ठेका सौंप दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि राजनीतिक मनमुटाव और जनहित क मुद्दों को लेकर एक-दूसरे को घेरने वाले दोनों दल के पार्षद अघोषित रूप से साझेदार बन गए हैं। अपने पसंद पर पार्षदों को राजनीतिक रूप से उपकृत करते हुए ठेका दिया गया है। पार्षदों का अपरोक्ष रूप से ठेके कार्य में दिलचस्पी रही है। यह जगजाहिर है कि भाजपा और कांग्रेस के पार्षद राजनीतिक मुखौटा लगाकर ठेका लेकर सफाई कार्य के जरिये मोटी रकम कमा रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक करीब 3 करोड़ 50 लाख रुपए ठेके में दिए गए वार्डों की सफाई होगी। सालभर तक अब निगम को इन वार्डों की चाक-चौबंध व्यवस्था पर ठेकेदारों पर निर्भर रहना पड़ेगा। बताया जा रहा है कि टेंडर जिस ढंग से हुआ है, उस पर भी सवाल उठे हैं। कारण यह है कि खराब परफार्मेंस वाले समूहों को दोबारा ठेका दिया गया है। जबकि गुजरे साल ज्यादातर समूहों को निगम प्रशासन ने बदहाल सफाई के आरोप में नोटिस भी थमाया था। सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए कई बार निगम प्रशासन ने समूहों को ठेका रद्द करने की धमकी भी दी, लेकिन अफसरों की झिडकी का कोई असर नहीं पड़ा। अब फिर से एक साल के लिए निगम ने उन्हीं समूहों को ठेका दिया है। इस बीच सफाई का ठेका महिला और स्व-सहायता समूहों के नाम पर दिया गया है। दरअसल इसके पीछे भाजपा-कांग्रेस के पार्षद ही ठेका चला रहे हैं। दोनों दल के पार्षदों को एक तरह से राजनीतिक संतुलन बनाने के लिए ठेका दिया गया है, ताकि निगम में किसी भी तरह की राजनीतिक अड़चने खड़ी न हो।
बताया जा रहा है कि नगर निगम के पास सफाई अमले की तादाद सीमित है। शहर के एक बड़े हिस्से की सफाई नियमित और प्लेसमेंट में लिए गए कर्मियों के जरिये होना संभव नहीं है। इस आधार पर ठेके में वार्डों को दिए जाने का चलन शुरू हुआ। शहर में सफाई व्यवस्था की स्थिति बेहद लचर हालत में है। बारिश से पहले शहर के अंदर और बाहरी क्षेत्र के नाली कचरों में पटे हुए हैं। गंदगी से पटे नालियों के कारण ही बीमारियां पैर पसार रही है। फिलहाल ढ़ाई दर्जन वार्डों का ठेका कांग्रेस-भाजपा के पार्षदों की दिलचस्पी में उनके चहेतों को दिया गया है।