राजनांदगांव

रेत तस्करों ने दो लाख आबादी की दो दिन का पानी एनीकट से बहाया
01-Jun-2023 12:00 PM
रेत तस्करों ने दो लाख आबादी की दो दिन का पानी एनीकट से बहाया

मोहारा एनीकट में 6 इंच पानी बहाया

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 1 जून।
रेत तस्करों के हौसले इस कदर बुलंद है कि शहर की प्यास बुझाने वाली जीवनदायिनी शिवनाथ नदी के मोहारा एनीकट के गेट खोलकर लाखों लीटर पानी बर्बाद कर दिया। मोहारा एनीकट को कोसो दूर स्थित मोंगरा बैराज के पानी से भरा गया था। रेत के लालच में तस्करों ने शहर के लिए जमा पानी को बहाकर एक बड़े संकट में डाल दिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक मोहारा एनीकट में राजनांदगांव शहर के लिए 5 इंच से ज्यादा पानी भरा हुआ था। बीते दिनों तस्करों ने चुपचाप एनीकट के 5 गेट को खोल दिए। ऐसे में नदी में जमा लाखों लीटर पानी बर्बाद हो गया। अब शहर को पेयजल संकट से जूझना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि इस साल पड़ रही भीषण गर्मी से शहर में पानी की खपत बढ़ी है। पानी बचाने के लिए एक ओर प्रशासनिक स्तर पर अभियान भी चलाए जा रहे हैं। इससे परे रेत तस्करों ने मोहारा एनीकट में रेत उत्खनन के लिए बेशकीमती पानी का धार खोल दिया। मोहारा एनीकट में जमा यह पानी तकरीबन तीन दिनों तक 2 लाख की आबादी वाले तक की प्यास बुझा सकता था। तस्करों की करतूत ने पानी के लिए तरस रहे शहर को एक बड़े परेशानी की ओर ढ़केल दिया।

बताया जा रहा है कि मानसून के देर से आने के कारण लोगों के हाथ-पैर फूले हुए हैं। इस साल मानसून की चाल धीमी गति से बढ़ रही है। ऐसे में जून का पहला और दूसरा सप्ताह पानी की पूर्ति के लिए काफी चुनौती वाला सप्ताह साबित होगा। एनीकट में रेत तस्करों ने पानी के मोल का परवाह किए बगैर लाखों लीटर पानी को बर्बाद कर दिया। इस संबंध में जलसंसाधन विभाग के ईई जीडी रामटेके ने बताया कि अज्ञात लोगों की करतूत से लाखों लीटर पानी छोड़ दिया गया है। ऐसी आशंका है कि इसके पीछे रेत तस्करों की कारगुजारियां हो सकती है। बताया जा रहा है कि पेयजल संकट के कारण शहर के कई हिस्सों के लोग पानी के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। अवैध रेत उत्खनन माफिया ने शहर को एक बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। उधर महापौर हेमा देशमुख ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। कलेक्टर से एक टीम का गठन कर जांच करने को कहा गया है। जल्द ही घटना में शामिल लोगों का पर्दाफाश होगा।

बताया जा रहा है कि एनीकट के पास रेत का खनन पहले भी होता रहा है। मानसून आने से पूर्व माफियाओं को अपने व्यापार की चिंता सता रही है। यही कारण है कि रेत तस्करों ने अपने निजी हितों को साधने के लिए एनीकट से पानी बहा दिया।

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