राजनांदगांव

किसान की भूमि पर बेजा कब्जा के आरोप में घिरे कांग्रेस नेता बांधव
02-Jun-2023 2:12 PM
किसान की भूमि पर बेजा कब्जा के आरोप में घिरे कांग्रेस नेता बांधव

पत्रवार्ता में राजनीतिक रसूख और कांग्रेसी नेताओं द्वारा धमकी दिए जाने का भी लगाया आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 जून।
शहर से सटे पनेका के एक किसान ने जिला कांग्रेस के महामंत्री पंकज बांधव पर जमीन में बेजा कब्जा करने का आरोप लगाया है।  बांधव पर राजनीतिक रसूख के जरिये और कतिपय कांग्रेसी नेताओं के जरिये किसान को धमकाने का भी आरोप लगा है। 

शुक्रवार को एक पत्रकारवार्ता में पीडि़त किसान ने बांधव पर अनाधिकृत रूप से जमीन को हथियाने की नियत से कब्जा करने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। पीडि़त किसान रामकुमार साहू ने आरोप लगाया कि पनेका स्थित भूमि खसरा नंबर 83 रकबा 0/4900 हेक्टेयर पर बांधव ने कब्जा कर लिया है। किसान का कहना है कि यह जमीन उनकी पुश्तैनी जायजदाद है। उक्त जमीन का सीमांकन 31 जनवरी  2023 को कराने के पश्चात बाउंड्रीवाल का निर्माण किया जा रहा था, परन्तु बांधव ने उक्त भूमि को अपना बताकर डराते-धमकाते निर्माण कार्य को रोक दिया। 

किसान रामकुमार साहू का आरोप है कि कुछ कांग्रेसी नेताओं के साथ मिलकर प्रतिदिन उन्हें धमकाया जा रहा है। पीडि़त किसान और उसके परिवार द्वारा सीमांकन में बताए गए चर्तुसीमाओं में चिन्हांकित पोल भी गड़ाए गए थे, जिसे उखाडक़र फेंक दिया गया है। किसान का कहना है कि राजनीतिक प्रभाव का उपयोग करते बांधव द्वारा परिवार को प्रताडि़त किया जा रहा है। किसान का कहना है कि सत्तारूढ़ दल के कांग्रेसी नेताओं का पंकज बांधव को शह मिला हुआ है। जबकि  किसान को 3 राजस्व निरीक्षक और हल्का पटवारी द्वारा ग्राम के विभिन्न व्यक्तियों के सामने कब्जा दिया गया है। पीडि़त किसान ने परिवार को पंकज बांधव द्वारा मौखिक रूप से डराने-धमकाने के मामले में कलेक्टर से शिकायत की है। 

किसान का कहना है कि मानसिक तनाव के कारण उसकी मां की सेहत बिगड़ गई है। इधर बांधव पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं। वह सत्तारूढ़ दल के महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत हैं। जिला महामंत्री के अलावा वह वन विभाग के कैम्पा के सदस्य भी हैं। उन पर लगे आरोप से यह साफ हो गया कि सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने उक्त किसान को काफी प्रताडि़त किया है। आरोपों के संबंध में पंकज बांधव ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि उक्त जमीन मेरे दादा द्वारा 40 साल पहले खरीदी गई थी, तब से परिवार  का जमीन पर कब्जा है। उन पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। इस बीच किसान परिवार ने  मीडिया के जरिये प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
 

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