रायपुर

कम्पलेंट रिजेक्ट कर रहा मोर बिजली ऐप
ढिलाई -लापरवाही की पराकाष्ठा से पाम रिसोर्ट के रहवासी गुजर रहे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 जून। हिमालय की चोटी से भी ऊंची विद्युत मंडल के अफसर, कर्मचारियों की ढिलाई,लापरवाही ,नजरअंदाजी का पराकाष्ठा से पाम रिसोर्ट के रहवासी गुजर रहे हैं। बीते 10 दिनों से यहां के 90 परिवार दिन में सूरज की रौशनी और रात अंधेरे में गुजार रहे हैं। नौ मंजिले फ्लैट से एक बार उतरे तो शाम को ही चढ़ाई को मजबूर हैं।
10 दिन पहले मंगलवार की रात इस सोसायटी के मीटर पैनल में आग लगने से विद्युत अमले ने डिसकनेक्ट किया था।और उसे कनेक्ट करने की सुध अब तक नहीं ली है। सोसाइटी के रहवासी विद्युत मंडल के चेयरमैन को छोड़,अपनी पहुंच के हर अफसर को इसकी जानकारी देकर सुधार या आग्रह, आक्रोश जता चुके है। इन नौ दिनों में किसी ने कहा दो घंटे,किसी ने तो आधे घंटे तो किसी अफसर ने आज दिनभर में किसी भी समय रिस्टोर कर दिया जाएगा। ये सारी टाइमिंग भी गुजर गई लेकिन पाम रिसोर्ट में 10 दिन बाद भी बिजली नहीं आई। इसके चलते 74 वर्ष के बुजुर्ग से लेकर 7 वर्षीय बालक भी हवा कान है नहाना,धोना, लंच- डिनर बनाना-खाना बंद है। लोग सुबह होते ही अपने रिश्तेदार, फ्रेंड्स या फिर होटल,रेस्तरां में जाने मजबूर हैं।
बताया गया है कि विद्युत मंडल के मोर बिजली एप में कंपलेंट दर्ज करते ही वह मेंटेनेंस बताकर, कंपलेंट ही रिजेक्ट कर रहा है। ऐसे में रहवासी करें तो क्या करें। कॉलोनी के रहवासियों ने बताया कि दलदल सिवनी सब स्टेशन के स्टाफ तो सुनते ही नहीं है। आफिस का फोन या तो इंगेज रहता है या रिसीव ही नहीं होता। और यहां के प्रभारी जेई श्री प्रसाद की बात है तो वह कब आफिस आते, कब जाते हैं पता ही नहीं। वैसे इस समय वे हॉस्पिटलाइज्ड हैं।
रहवासियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी कटौती से लोगो को जूझना पड़ रहा है। रहवासी अब मानवता की दुहाई देकर हर किसी से कहने लगे हैं बिजली को लिए। बिल्डर के प्रति स्थानीय रहवासियो में भारी आक्रोश जता रहे। स्थानीय पार्षद, विधायक समेत कई आला अधिकारियो से मुलाक़ात के बावजूद नहीं समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।
जुर्माना भरपाई का भी है प्रावधान
यहां बता दे कि बिजली उत्पादन और आपूर्ति में देरी, ढिलाई पर विद्युत मंडल को जुर्माना भरपाई का प्रावधान किया है। इसमें बिजली रिस्टोर करने के हर मिनट,हर घंटे की देरी पर विद्युत मंडल प्रभावितों को यह हरजाना देना होगा । इसके लिए लोगों को केवल विद्युत नियामक आयोग में केस करना होगा। हालांकि छत्तीसगढ़ में अब तक एक भी केस ऐसा दर्ज नहीं हो पाया है।