महासमुन्द
जांच कर कार्रवाई की जाए-कोसरिया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 3 जून। समीप के ग्राम लाखागढ़ बस्ती के अंदर आबादी भूमि को रिकॉर्ड में कृषि भूमि बनाने का मामला सामने आया है।
लाखागढ़ के पूर्व प्रभारी सरपंच वेदराम कोसरिया ने आरोप लगाते हुए बताया कि उक्त भूमि आबादी है। जिसकी रजिस्ट्री नहीं हो सकती। श्री कोसरिया ने बताया कि उक्त भूमि मात्र प्लाट है, परन्तु पटवारी द्वारा रिकॉर्ड में हेराफेरी करते हुए उक्त भूमि पर भवन बताकर मलबा की रजिस्ट्री करवा दी गई है। अब उसी भूमि को पटवारी द्वारा सरकारी रिकॉर्ड में पुन: हेरफेर करते हुए उसे कृषि भूमि बता दिया गया है। वह भी रजिस्ट्री करवाने वाले के नाम से नहीं बल्कि उसके पारिवारिक सदस्यों के नाम से की गई।
इस मामले में पटवारी ने खसरा नम्बर 1050/6 को पहले आबादी बता कर उस पर मकान निर्माण का नक्शा देकर उक्त जमीन पर कथित रूप से बने मकान की रजिस्ट्री करवा दी। अब रजिस्ट्री के बाद उसी जमीन की भी रजिस्ट्री करवाने के लिए बस्ती के बीच की 0.0308 रकबा को कृषि भूमि बता कर रजिस्ट्री हेतु दस्तावेज दे दिए गए हैं।
पटवारी एवं जमीन कब्जाधारी की उक्त हरकत को देखते हुए ग्राम लाखागढ़ के पूर्व उपसरपंच बेदराम कोसरिया ने इस मामले की शिकायत तहसीलदार एवम कलेक्टर से करते हुए आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
इधर, उक्त मामले में पटवारी भीम साहू का पक्ष जानने का ‘छत्तीसगढ़’ ने प्रयास किया, परन्तु पटवारी हड़ताल के कारण उनसे चर्चा नहीं हो पाई।