बस्तर

सुरक्षाकर्मियों की भर्ती में हो रहे लेनदेन की जांच करने पहुंची पुलिस
03-Jun-2023 9:02 PM
सुरक्षाकर्मियों की भर्ती में हो रहे लेनदेन  की जांच करने पहुंची पुलिस

 2 घंटे से अधिक तक चली पूछताछ, कागजात भी ले गई पुलिस

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

जगदलपुर, 3 जून। मेडिकल कॉलेज डिमरापाल में 4 दिनों से लगातार सुरक्षाकर्मियों की भर्ती में चल रहे लेनदेन की खबर प्रकाशित होने के बाद शनिवार को परपा पुलिस की टीम जांच करने पहुंची, जहां पुलिस द्वारा 2 घंटे तक चले पूछताछ के बाद पुलिस द्वारा मैनेजर से भर्ती प्रक्रिया के दौरान किस गाइड लाइन का उपयोग कर रहे हैं। इस मामले के दौरान युवा युवतियों से लेने वाले दस्तावेज के साथ ही अन्य कागजात की मांग भी की गई है, इसके अलावा कुछ दस्तावेजों को पढऩे के साथ ही अपने साथ ले गई है।

मामले के बारे में कुछ युवाओं ने नाम ना छापने के शर्त पर बताया कि मेकाज के पुराने टेंडर सीडीओ कंपनी के हटने के बाद इंदौर की बालाजी सिक्योरिटी कंपनी को इसका टेंडर दिए जाने की बात सामने आई थी। बस्तर के हजारों युवा यहां नौकरी के लिए आकर अपना दस्तावेज जमा कर रहे थे, लेकिन इसी मामले में हो रहे भर्ती में पैसे लेकर युवाओं की भर्ती करने की बात भी सामने आई, जहां युवाओं ने कंपनी के मैनेजर के ऊपर आरोप लगाते हुए पैसे लेकर भर्ती करने की बात भी सामने आई, जिसका विरोध करने पर युवाओं के साथ बदतमीजी करने के साथ ही उन्हें भगा दिया गया।

मामले की खबर प्रकाशित होने के बाद परपा थाने में पदस्थ एएसआई राजेश सिंह बेरू, प्रधान आरक्षक सुधीर मिश्रा व आरक्षक नीरज मेकाज स्थित  कंपनी के कार्यालय पहुंच करीब 2 घंटे तक पूछताछ करने के साथ ही उनके पास के कागजात आदि को दिखाने की बात भी कही, जहां हर एक दस्तावेज की मांग की गई है, वहीं मैनेजर उमाशंकर मिश्रा द्वारा पुलिस को अपने दिए बयान में कहा की अभी वो चार्ज में नहीं है, कंपनी का पूरा हिसाब-किताब बालाजी कंपनी के हर्षवर्धन द्विवेदी द्वारा देखा जा रहा है। इस मामले में मेरा कोई भी हस्तक्षेप नहीं है, साथ ही कंपनी के द्वारा ही पैसा तय किया गया है।

5 हजार किसलिए - एएसआई

एएसआई राजेश सिंह ने जब कंपनी के मैनेजर उमाशंकर मिश्रा से जब पूछा की इस भर्ती के दौरान 5 हजार रुपए किस बात के ले रहे हो। इस पर मैनेजर उमाशंकर मिश्रा का कहना था कि बस्तर के बेरोजगार युवाओं से भर्ती के नाम पर ड्रेस कोड देने के साथ ही जूते देने की बात कहते हुए 5 हजार रुपए लिया जा रहा है।

कब से चल रही है कंपनी

पुलिस ने अपने पूछताछ में मैनेजर से पूछा है यह कंपनी कितने सालों से काम कर रही है, साथ ही इस कंपनी के कर्मचारी और कहा कहां सेवा दे रहे हंै।

 मैनेजर ने 3 दिन का समय मांगा

पुलिस ने अपने पूछताछ में बताया कि कंपनी से जब दस्तावेजों की मांग की गई तो उन्होंने इसके लिए 3 दिन का समय मांगा है, जिसके बाद वे इसकी पूरी जानकारी थाने में लाकर जमा कर देने की बात कही है।

कंपनी के अधिकारी से होगी पूछताछ

पुलिस पूछताछ में मैनेजर द्वारा हर्षवर्धन का नाम लिया गया है, उसे भी थाना बुलाया जाएगा, उससे भी इसके बारे में जानकारी ली जाएगी, पूरे दस्तावेज के साथ ही बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाने की बात सामने आई।

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