बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 जून। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वीकृत कचरा पृथक्करण शेड निर्माण में करोड़ों रुपए की अनियमितता का मामला सामने आया है। आलम यह है कि कार्यादेश के एक साल बाद भी 50 फीसदी गाँवों में कचरा पृथक्करण शेड का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। जानकारी के अनुसार शेड निर्माण के लिए सामग्री सप्लाई का भुगतान कर दिया गया है। ऐसी स्थिति में साल भर बाद भी शेड नहीं निर्माण होने से योजना के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि हर गांव व शहर में स्वच्छता की अलख जगाने केंद्र सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन अभियान शुरू किया गया। अभियान के क्रियान्वयन के लिए केंद्र सरकार की ओर से करोड़ों रुपए का फंड जारी किया जा रहा है। लेकिन कई जगहों पर ठेकेदार व अधिकारी की मिलीभगत से योजना पर पलीता भी लग रहा है।
गांवों में भी कचरा पृथक्करण निर्माण की स्वीकृति
शहरों की भांति अब गांवों में भी स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कचरा पृथक्करण शेड का निर्माण स्वीकृत हुआ है। इस शेड में गांव के घरों से एकत्र किए गए सूखा व गीला कचरा को अलग किया जाएगा। गौरतलब हो कि शहरी क्षेत्रों में महिला समूह की महिला सदस्यों के द्वारा डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है। इसी प्रकार गांवों में भी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसलिए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत अब तक शेड का निर्माण पूर्ण हो जाना था।
जनपद के 138 गांव में शेड का होना है निर्माण जिसमें बेमेतरा- 37, बेरला- 36, नवागढ़- 37, साजा- 138।
जिले के 248 गांवों में शेड निर्माण के लिए 9.92 करोड़ स्वीकृत
स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जिले के 248 गांवों में कचरा पृथक्करणशेड निर्माण के लिए केंद्र सरकार की ओर से 9 करोड़ 92 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। प्रत्येक शेड के निर्माण की लागत 4 लाख रुपए है। शेड का निर्माण मनरेगा के अंतर्गत होना है। इसके लिए 41 हजार मजदूरी व 3 लाख 49 हजार रुपए सामग्री के लिए स्वीकृत हुए हैं। शेड का निर्माण ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत होना है।
शेड निर्माण के लिए एक साल पहले मई 2022 में सामग्री सप्लाई का कार्यादेश दुर्ग के कांट्रेक्टर मदन साहू को दिया गया। शेड निर्माण के लिए एक साल पहले के कार्यादेश पर सामग्री सप्लाई के संबंध में विभाग के अधिकारी व ठेकेदार संतोषजनक जवाब देने की स्थिति में नहीं हैं।
ज्यादातर गांवों में एक ईंट भी नहीं रखी गई
‘छत्तीसगढ़’ ने ग्राम सावतपुर, बैजलपुर बैजी, तेलइकुडा, फरी, सिरवाबांधा, बहुनवागांव, चारभाटा, नवलपुर, घिवरी, कंदई, उघरा, गुनरबोड समेत 20 गांव में कचरा पृथक्करण शेड निर्माण की पड़ताल की।
इनमें से सिर्फ 5 गांव में कचरा पृथक्करण शेड का आधा-अधूरा निर्माण मिला। ज्यादातर गांवों में सामग्री सप्लाई के कार्यादेश के एक साल बाद भी निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। ग्राम सिरवाबांधा, बहुनवागांव, नवलपुर, चारभाटा व कंदई में का आधा अधूरा निर्माण मिला। ज्यादातर गांवों में निर्माण शुरू करने को लेकर एक ईंट भी नहीं रखी गई है।
एक साल बाद भी अधिकारी नहीं पहुंचे गांवों तक
स्वच्छ भारत मिशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की शिकायत मिल रही थी। ‘छत्तीसगढ़’ ने इसकी पड़ताल की तो शिकायत सहीं मिली। लगभग 20 से अधिक गांव में शेड निर्माण में गड़बड़ी मिली। जिन गांवों में शेड का निर्माण होना था। उन गांवों में निर्माण शुरू होना तो दूर अब तक निर्माण एजेंसी के अधिकारी तक नहीं पहुंचे हैं। इससे अधिकारी व सप्लायर ठेकेदार की मिलीभगत साफ उजागर हो रही है।
जानिए पंचायत प्रतिनिधियों ने क्या बताया
ग्राम पंचायत फरी के सरपंच प्रतिनिधि संतोष पटेल ने बताया कि कचरा पृथक्करण शेड निर्माण करने को लेकर 10 महीने पहले ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी गांव पहुंचे थे। उसके बाद आज तक निर्माण शुरू करने को लेकर कोई पहल नहीं की गई है।
ग्राम पंचायत डुंडा की सरपंच सावित्री मोहन वर्मा ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत कचरा शेड निर्माण करने के लिए अब तक किसी भी अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया है।
ग्राम पंचायत बैजलपुर के सरपंच छोटे लाल साहू ने बताया कि पंचायत मुख्यालय व आश्रित ग्राम बैजी में कचरा शेड का निर्माण होना है। ग्राम बैजलपुर में शेड निर्माण को लेकर 6 महीने पहले गड्ढा खोदा गया था, लेकिन आज तक निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। कार्यपालन अभियंता आरईएस दीपक मिश्रा ने कहा कि इस संबंध में कुछ शिकायत मिली है। ठेकेदार को नोटिस जारी कर जल्द निर्माण पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। 50 फीसदी गांव में शेड का निर्माण लगभग पूर्ण हो चुका है। सामग्री सप्लायर ठेकेदार मदन साहू दुर्ग ने कहा कि इस संबंध में कुछ भी नहीं बता सकता , जो भी बात करनी है अधिकारी से करे।