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महासमुंद: मजदूरों को गांव के गौठान, रिपा में मिल रहा काम, अब रोजी-रोटी की तलाश में बाहर जाने वालों की संख्या न के बराबर
05-Jun-2023 3:59 PM
 महासमुंद: मजदूरों को गांव के गौठान, रिपा में मिल रहा काम, अब रोजी-रोटी की तलाश में बाहर जाने वालों की संख्या न के बराबर

 जिले मेंं अब तक गोबर खऱीदी कर 11 करोड़ 66 लाख 15 हज़ार का भुगतान 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 5 जू
न। जिले के महासमुंद सहित सभी विकासखंण्ड के गांवों में सामाजिक,आर्थिक एवं राजनीतिक स्थिति के अलावा वहां के भूमिहीन एवं गरीब परिवारों की समस्याओं का समाधान, ग्रामीण महिलाओं का सामाजिक, आर्थिक एवं उनकी राजनीतिक क्षेत्र में सहभागिता तथा विभिन्न राज्य स्तरीय योजनाओं तथा पंचायती राज व्यवस्था के तहत ग्रामीणों के जीवन में गुणवत्तापूर्ण सुधार आ रहा है और इस साल जिले से पलायन न के बराबर हुआ है। गांवों में घर परिवार की स्थिति पहले की अपेक्षा अधिक मज़बूत हुई है। गांव में पहले से अधिक रोजग़ारन्मुखी काम होने से ग्रामीणजन दूसरे राज्यों, नगरों व शहरों में रोजग़ार की तलाश में जाने वालों की संख्या कम हुई है। ग्रामीणों को रोजग़ार अपने गांव, गौठान, रिपा में विभिन्न गतिविधियों में मिल रहा है। सरल भाषा में कहें तो सरकारी विभिन्न योजनाओं से ग्रामीणों के जीवन में बदलाव आ रहा है। गांव में रोजग़ार के साधन बढ़े हंै।

राज्य की फ्लैगशिप योजनाओं नरवा,गरवा,घुरवा,बाड़ी, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम अस्पताल योजना आदि से राज्य के लोगों के जीवन मेंआमूल-चूल परिवर्तन आया है। लोगों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने काम का तरीका बदला है। अब वे अपने निवास और दफ्तर के डैश बोर्ड से अपनी सरकार की योजनाओं की ऑनलाइन मानिटरिंग भी करते हंै। साथ ही कार्यालय की वेबसाइट पर ऑनलाइन रहते हैं। मुख्यमंत्री पहले अपने स्तर पर प्रदेशव्यापी भेंट मुलाक़ात के दौरान आम जानता से ज़मीनी हक़ीक़त साझा भी की।

शिक्षा के क्षेत्र में भी गांवों में आश्चर्यजनक रूप से प्रगति हुई है। आज जिले के ग्रामीण अंचलों में अनेक इंटरमीडिएट और डिग्री कॉलेज मौजूद हैं। इसके अलावा अनेक संस्थाएं एवं ट्रस्ट भी ग्रामीण इलाकों में अंग्रेजी माध्यम वाले पब्लिक स्कूल खोल रहे हैं। ग्रामीण अंचलों में शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन तो अवश्य हुआ है। इसके अलावा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी खोलें गए हंै। जहां बच्चें इंग्लिश मीडियम में नि: शुल्क शिक्षा ग्रहण कर रहे हंै। पालकों-अविभावकों के पैसे बच रहे हंै। 

गौठानों में स्वसहायता समूह की महिलाओं को बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों के समन्वय से मल्टी एक्टीविटी व्यवसायों से जोडक़र आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के तहत जिले में जल संरक्षण एव संवर्धन के साथ-साथ किसानों के लिए सिंचाई के साधन भी उपलब्ध हो रहे हैं। महासमुंद जिले मेंं अब तक इस योजना में गोबर खऱीदी कर 11 करोड़ 66 लाख 15 हज़ार का भुगतान किया जा चुका। गौठानों में समूह की महिलायें वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर रही है। 

इससे जैविक खेती को ब?ावा मिल रहा है। 
साथ ही अब समूह की महिलायें रिपा अन्तर्गत गोबर डिस्टम्पर बना रही है। बिरकोनी गौठान में हाल ही शुरुआत में 1800लीटर डिस्टम्पर पेंट का उत्पादन किया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से 1000 लीटर डिस्टम्पर का ऑडर मिला है। 

जिले के विकासखंड बागबाहरा के अंदरूनी गांव कोमाखान की एकता महिला समूह की महिलाएं आजीविका के रूप में लोहे की तार फेंसिंग का निर्माण कर अपनी आय में वृद्धि कर रही है। इन महिलाओं ने अब तक 140 क्विंटल माल खऱीदा और बण्डल तार फेंसिंग का निर्माण कर 1.90 लाख रुपए से अधिक का विक्रय किया जा चुका है। सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा मांग की जा रही है। जिले के गौठानों में बाड़ के लिए समूह द्वारा निर्मित तार फेंसिंग लगायी जा रही है। 

राज्य सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सभी शासकीय विभागों, निगम-मंडलों, स्थानीय निकायों में रंग.रोगन कार्य के लिए गोबर पेंट का उपयोग पहले ही अनिवार्य किया है। अत:गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में दो रुपए किलो में गोबर की खरीदी करके इससे वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं अन्य उत्पाद निर्मित किये जा रहे हैं। गोबर से विद्युत उत्पादन और प्राकृतिक डिस्टम्पर पेंट निर्माण की शुरूआत की गई है। 

पिछले मई माह में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल बिश्व भूषण हरिचन्दन को महासमुंद जिले के ग्राम सिरपुर बांसकुड़ा में क़मार जनजाति की बिहान समूह की महिलाओं और हितग्राहियों से मुलाक़ात के दौरान उन्हें कार्यक्रम परिसर में आंगनबाड़ी और सरकारी उचित मूल्य की दुकान को गोबर डिस्टम्पर पेंट से रंगाई-पुताई से अवगत कराया। जिसकी सराहना हुई। सभी सरकारी स्कूल, कार्यालयों में आवश्यकता अनुसार रंगाई.पुताई गोबर डिस्टम्पर पेंट से कराने के निर्देश कलेक्टर ने दिए हंै।  इस तरह जिले के गौठानों में स्वसहायता समूह की महिलाओं को बड़ी संख्या में विभिन्न विभागों के समन्वय से मल्टीएक्टीविटी व्यवसायों से जोडक़र आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। 
 

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