बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 5 जून। विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर कोएपाल गांव में इंद्रावती बचाओ अभियान के सदस्यों ने न केवल पौधा रोपा, बल्कि पौधों के दरख्त बनने तक उनकी देखभाल करने का संकल्प भी लिया। इस दौरान पद्मश्री धर्मपाल सैनी विशेष रूप से उपस्थित थे और उन्होंने मौजूद लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाने की कोशिश की।
अभियान से जुड़े संपत झा ने बताया कि बस्तर में यूं तो बहुतायत में वन हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में पर्यावरण तेजी से बिगड़ा है। यही वजह है कि अब बस्तर का न्यूनतम तापमान बढ़ रहा है। इलाके में औद्योगिकीकरण की शुरुआत हो चुकी है। वन संपदा का दोहन करने के दौरान पेड़ों की कटाई भी की जा रही है। जिस अनुपात में वन काटे जा रहे हैं, उसकी तुलना में नए वन तैयार करने की दिशा में काम नहीं हो पा रहा है। यह गंभीर चिंता का विषय है।
बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग पूरे विश्व के लिए चिंता का सबब है। बस्तर भी इससे अछूता नहीं रहेगा। जरूरत है समय रहते चेत जाने की।
पूर्व चेंबर अध्यक्ष किशोर पारेख ने पौधरोपण को जरूरी बताते हुए लोगों से अपील करते कहा कि अधिक से अधिक संख्या में पौधों का रोपण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पौधे रोपते समय इस बात का विशेष ख्याल रखना होगा कि हम ऐसे पौधों का चुनाव करें, जो कार्बन डाइऑक्साइड को अधिक प्रतिशत में ऑक्सीजन बनाते हैं।
इससे प्राणवायु अधिक मिलेगी। आज के कार्यक्रम में आज के कार्यक्रम में पदमश्री धर्मपाल सैनी जी मनीष शर्मा किशोर पारख संपत झा रोहित सिंह बेस दिव्यांशु झा गाजिया अंजुम ,लक्ष्मी कश्यप ज्योति गर्ग डॉक्टर कमलेश इज़ारदार
ऋतिक सिंह, नीलकमल सिंह, कमलेश कांत, बसंत ठाकुर, भोजराम साहू, केशव कुमार, धर्मेंद्र नेताम, वैभव राज कश्यप, हिंदेश गवेल, संजय सिंह कोयपाल के सरपंच श्री राम कश्यप जी सहित इंद्रावती बचाओ अभियान, जूनियर रेगुलर डॉक्टर्स छग एसोसिएशन,माता रुक्मिणी आश्रम की छात्राओं सहित बड़ी संख्या में कोयपाल ग्रामीण जन शामिल हुए।