महासमुन्द

स्वास्थ्य-पोषण के क्षेत्र में जागरूकता बहुत जरूरी-छिब्बर
06-Jun-2023 6:12 PM
स्वास्थ्य-पोषण के क्षेत्र में जागरूकता बहुत जरूरी-छिब्बर

 युवाओं को स्थानीय बाज़ार मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण पर बल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद, 6 जून। जिले के प्रभारी सचिव नीति आयोग, अध्यक्ष केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल नई दिल्ली निधि छिब्बर ने कल सोमवार को कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में जिला अधिकारियों की बैठक लेकर आकांक्षी सूचकांकों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने समीक्षा करते हुए कहा कि कार्यों की प्रगति और अधिक तेज गति से होनी चाहिए। इसके लिए समन्वित तरीके से कार्य करने की जरूरत है। स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में जागरूकता बहुत जरूरी है। उन्होंने जिले में आगे और बेहतर कामों की कार्य योजना बना कर रखने को कहा। ताकि ज़रूरत के मुताबिक़ उसे स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जा सके। उन्होंने युवाओं को स्थानीय बाज़ार मांग के अनुसार कौशल प्रशिक्षण देने पर बल दिया। कलेक्टर  निलेशकुमार क्षीरसागर ने प्रभारी सचिव का स्वागत किया।

प्रभारी सचिव श्रीमती छिब्बर ने आकांक्षी जिला के विभिन्न सूचकांकों,स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, कौशल एवं वित्तीय समावेश, बुनियादी ढांचे सहित अन्य क्षेत्रों में किए गए कार्यों एवं उपलब्धियों की समीक्षा की तथा डेल्टा रैंकिंग में सुधार के लिए और बेहतर प्रदर्शन करते हुए कमियों को दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

श्रीमती छिब्बर ने कहा कि यह जिला आकांक्षी जिलों में शामिल है और आकांक्षी जिलों के लिए विभिन्न विभागों के लिए सूचकांक निर्धारित किए गए हंै। उन सूचकांकों के अनुरूप लक्ष्यों की उपलब्धि हासिल की जानी है। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विशेष रूप से प्रयास करें। 

जिले में बालवाड़ी केंद्र संबंध में बताया गया कि महासमुंद सहित पांचों ब्लाक में 312 बालवाड़ी केंद्र शुरू किए गए हंै। इस योजना से जिले में लगभग 3500 से ज़्यादा बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें पांच से छह साल तक के बच्चों को दाखिला देकर उनके बौद्धिक विकास के लिए काम किया जा रहा। श्रीमती छिब्बर ने बालवाडिय़ों की निगरानी व मॉनिटरिंग करने की बात कही। ताकि मंशानुरूप परिणाम सामने आए।

कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने जिले में किए जा रहे कामों और उपलब्धियों को बताया। उन्होंने ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में मुख्यमंत्री हॉट बाज़ार क्लिनिक योजना के तहत लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और स्वास्थ्य की नि:शुल्क जांच कर दवाईया मुहैया कराई जा रही है।

इसी तरह मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से स्लम एरिया में रह रहे नागरिकों के इलाज व टेस्ट किये जा रहे हंै। कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में शिविर का आयोजन किया जा रहा है और इन शिविरों में चिकित्सा विभाग की पूरी टीम पहुंचकर कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर एनआरसी में भर्ती कराया जाता है। जहां उनका उचित उपचार के साथ कुपोषण दूर करने की कार्रवाई की जाती है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस आलोक ने विभागीय गतिविधियों से संबंधित प्रगति एवं लक्ष्य के संबंध में पावर पाइंट प्रेजेंटेशन दिया।

बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों में कुपोषण दूर करने के संबंध में भी जानकारी दी गई। इस  बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. पारितोष कुडेशिया,जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास समीर पाण्डे, सहायक संचालक कृषि अमित मोहंती, सहायक संचालक शिक्षा हिमांशु भारती सहित जिले के विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।

   श्रीमती छिब्बर ने क्षेत्रीय विकास एवं समस्याओं और उसके समाधान के लिए भी अधिकारियों से विस्तार से बात की। उन्होंने कहा नीति आयोग की ओर से जारी लिस्ट में कुछ पैरामीटर में न्यूट्रिशन में और ज्यादा काम करने की जरूरत है। इसकी पूरी योजना बनाकर और तेजी से काम किया जाए। स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में उत्कृष्ट परिणाम लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को समन्वय बनाकर बेहतर करें। सभी गर्भवती महिलाओं  का शत.प्रतिशत पंजीयन एवं संस्थागत प्रसव, हीमोग्लोबिन की जांच, आंगनबाड़ी में पात्र गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन सुनिश्चित करें।

   उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला के सूचकांकों में महासमुंद जिले में अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसके लिए जिला प्रशासन एवं अन्य विभागों द्वारा सतत रूप से नवाचार अपनाकर कार्य कर रहे हंै। इससे निश्चित रूप से शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल होगी। जैविक खेती एवं फसल चक्र अपनाने के लिए किसानों को प्रेरित करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे किसानों के फसलों की उपज में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ आय में भी वृद्धि होगी। पशुधन में और बेहतर कार्य जैसे टीकाकरण, कृत्रिम गर्भधान एवं पशुओं में पशुधन की उच्च प्रगति के लिए नागरिकों की जागरूकता एवं शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों पशुपालकों के साथ बेहतर समन्वय बनाएं।

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