रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 6 जून। यूजीसी के मुताबिक, स्वायत्त कॉलेजों को काम करने की आजादी मिलेगी। लेकिन उनकी नियमित निगरानी के लिए स्वायत्त महाविद्यालय में आईक्यूएसी का गठन भी किया जाएगा।
भारतीय सांस्कृतिक विरासत, पर्यावरण, स्किल, खेल, भाषा, देश की रणनीतिक जरूरतों को पूरा करने वाले कार्यक्रम, भारतीय ज्ञान प्रणाली, योग, रक्षा अध्ययन में काम करने वाले कॉलेज अब स्वायत्त का दर्जा पा सकते हैं। यूजीसी ने स्वायत्त कॉलेज विनियम 2023 को अधिूसचित कर दिया है।इसके तहत इन क्षेत्रों में काम करने वाले कॉलेज स्वायत्त कॉलेज के लिए आवेदन कर सकेंगे।
यूजीसी के के मुताबिक, स्वायत्त कॉलेजों को काम करने की आजादी मिलेगी। लेकिन उनकी नियमित निगरानी के लिए स्वायत्त महाविद्यालय में आईक्यूएसी का गठन भी किया जाएगा। साल में एक बार उनके कामकाज की समीक्षा भी होगी। स्वायत्त कॉलेज को अपने वेब पोर्टल पर समय -समय पर सभी जानकारियां भी अपलोड करनी होगी। ऐसे कॉलेजों को परीक्षा प्रकोष्ठ बनाना होगा। वहां छात्र मूल्यांकन और परीक्षा के सभी अभिलेखों को सुरक्षित रखा जाएगा। अब स्वायत्त कॉलेजों बनने के लिए नियमों में छूट दी गई है।
नए पाठ्यक्रम शुरू करने की आजादी: इस वर्ग में शामिल होने वाले कॉलेज अब दाखिला नियम खुद बनाने से लेकर पूर्व विश्वविद्यालय की स्वीकृति से पीएचडी की पढ़ाई भी करवा सकते हैं। ऐसे कॉलेजों को पढ़ाई से लेकर नए पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए बार-बार विवि और यूजीसी से अनुमति नहीं लेनी होगी।