सरगुजा
12 जून को दिल्ली में छत्तीसगढ़ के भी रसोईया करेंगे प्रदर्शन
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबिकापुर, 6 जून। छत्तीसगढ़ मध्यान्ह भोजन संघ की प्रदेश अध्यक्ष यशोदा साहू ने मंगलवार को अंबिकापुर नगर के सरगुजा प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि 2014 में जब से केंद्र की मोदी सरकार सत्ता में आई है, तब से रसोइयों का एक रुपए भी वेतन में बढ़ोतरी नहीं हुआ है। आशा थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महंगाई को देखते हुए समान काम समान वेतन देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब आशा टूटते जा रही है, 6 घंटे काम करने के बावजूद भी काफी कम मेहनताना मिल रहा है, जिससे उनका गुजर-बसर नहीं हो सकता।
यशोदा ने कहा-सरकार कम से कम 10 हज़ार रसोइयों को वेतन दें। आगे उन्होंने कहा कि सरकार या तो योजना को बंद कर दें या उन्हें दाम का पैसा दें। छत्तीसगढ़ से 9 तारीख को 500 से अधिक की संख्या में रसोईया संघ के पदाधिकारी एवं कर्मचारी दिल्ली के जंतर मंतर में आयोजित हुंकार रैली व प्रदर्शन में शामिल होंगे, यहां देश भर से लगभग 50 हजार रसोईया अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के समक्ष आवाज बुलंद करेंगे।
एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के लिए 2 जून को बरेली से संघ के लोग निकले हैं, जो विभिन्न जिलों में अपनी मांगों को लेकर आवेदन देते हुए रैली के माध्यम से राजघाट जंतर मंतर पर पहुंचेंगे, यहां देशभर के रसोईया पहुंचेंगे और अपनी मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
प्रेस वार्ता में रसोईया संघ के प्रदेश संरक्षक मोहम्मद अख्तर खान ने कहा कि रसोईया प्रात: 10 से दोपहर 3 बजे तक काम करते हैं, उसके बाद उन्हें कोई काम नहीं मिलता। दो हजार में उनका घर कैसे चलेगा। केंद्र सरकार ने समान काम समान दाम की बात कही थी, पर आज तक रसोइयों को सही दाम नहीं मिला। छत्तीसगढ़ सरकार ने रसोइयों के वेतनमान में दो बार वृद्धि की, जिसके चलते उन्हें अभी 2 हजार मिल रहा है, लेकिन केंद्र सरकार महिलाओं व पुरुष रसोइयों का शोषण कर रही है। मांग पूरा नहीं हुआ तो आगे राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा एवं कुछ महीने बाद होने वाले 5 विधानसभा चुनाव में उचित जवाब दिया जाएगा।