महासमुन्द
40 बरस से रह रहे परिवारों ने की व्यवस्थापन की मांग
10 दिन के भीतर जगह खाली करें
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 7 जून। रेलवे पटरी किनारे निवासरत 50 झुग्गी झोपड़ी परिवारों के पीडि़तों ने कलेक्टर के अलावा पूर्व विधायक डॉ.विमल चोपड़ा से भेंट कर कहा है कि रेलवे की ओर से उन्हें कब्जा हटाने संबंधी नोटिस मिला है। इस पर डॉ. विमल चोपड़ा ने पीडि़तों को आश्वस्त किया कि उनके संघर्ष में वे साथ हैं। अधिकारियों से चर्चा कर समाधान निकालेंगे।
डा. विमल चोपड़ा ने पार्षद देवीचंद राठी से कहा है कि इस समस्या को लेकर पालिका एवं रेलवे से बात कर प्रयास करें। इस पर भाजपा नगरीय निकाय प्रकोष्ठ के जिला संयोजक एवं देवीचंद राठी के नेतृत्व में नपाध्यक्ष राशि महिलांग एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी से भेंटकर ज्ञापन भी सौंपा गया।
श्री राठी ने बताया कि उक्त स्थल पर निवास कर रहे गरीब परिवारों को रेलवे द्वारा 10 दिन में जगह खाली करने का नोटिस प्राप्त हुआ है। शहर में इनके पास कोई जमीन नहीं है। इन गरीबों की मांग है कि पालिका इनका पुनर्वास कराये। पालिका के पास कालोनी वालों से प्राप्त जमीन है। जिससे प्रधानमंत्री आवास के तहत आवास बनाकर बसाया जा सकता है। इसके अलावा शासन की जमीन पर भी गरीबों के लिए पट्टा जारी कर तत्काल समाधान कराया जाये। ऐसी मांग पीडि़त परिवारों ने की है
श्री राठी के मुताबिक नपाध्यक्ष एवं सीईओ से भेंट के उपरांत ठोस प्रयास का आश्वासन मिला है। इस दौरान भाजपा के पार्षद पवन पटेल, मीना वर्मा उपस्थित थे। इन्होंने भी आवास की व्यवस्था शीघ्र कराने की मांग की। वरिष्ठ अभियंता रेलवे विभाग को भी ज्ञापन दिया गया और मांग की गई कि 1 साल की अवधि प्रदान की जाये। शीघ्र हटाने की कार्रवाई को रोका जावें एवं पुनर्वास की व्यवस्था कर मुआवजा भी दिया जावे। इनका कहना है कि शीघ्र ही डीआरएम एवं सांसद चुन्नीलाल साहू ने भेंट की जावेगी।
यहां मालूम हो कि शहर के वार्ड 14 रेलवे पटरी के किनारे कोई 50 सालों से झोपड़ी बनाकर जीवन यापन कर रहे 50 परिवारों को रेलवे प्रशासन ने कब्जा हटाने के लिये नोटिस थमाया है। नोटिस में रहवासियों को 10 दिन के भीतर घर खाली करने के लिये कहा गया है। कल इसे लेकर मजदूरों ने कलेक्टोरेट पहुंच शहर के भीतर आवास बनाकर रहने की व्यवस्था बनाने की मांग की है।
ज्ञापन में मजदूरों ने कहा है कि वार्ड 14 रेलवे पटारी के किनारे झुग्गी झोपड़ी बनाकर 50 परिवार 40 वर्षों से यहां निवासरत हैं। हाल ही में यहां के रहवासियों को रेलवे ने नोटिस दिया गया है। श्रमिकों का कहना है कि सामने बारिश का सीजन है उनके पास रहने के लिये कोई आवास नहीं है। यदि यहां से उन्हें बेदखल किया गया तो वे बारिश में कहां जाएंगे?