रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 जून। रायपुर राजस्व पटवारी संघ हड़ताल का आज 25 वां दिन है। राजस्व विभाग के सारे काम बंद है। बुधवार शाम छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एस्मा कानून लगाए जाने के विरोध एवं पटवारी संघ के मांग के समर्थन में छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जीआर चंद्रा जिला सचिव किशोर शर्मा संगठन सचिव विनोद अहिरवार एवं शिक्षक समिति के अध्यक्ष प्रशांत कोन्हर ने धरना स्थल में जाकर समर्थन किया।
सभी ने एस्मा कानून को सरकार के तानाशाही कानून निरूपित करते हुए इसे वापस लेने की मांग की और एस्मा काला कानून की प्रतियां धरना स्थल पर जलाई गई।
स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ एस्मा का पुरजोर विरोध करता है।
पंकज पांडे प्रांत अध्यक्ष स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ ने कहा कि कर्मचारियों की आवाज दबाने की कोशिश नाजायज है। सरकार को इस तरह की हरकतों से बाज़ आना चाहिए। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के नेता विन्देश्वर राम रौतिया ने भी समर्थन किया है। जल्द ही पूरा फेडरेशन समर्थन में आएगा।
पटवारियों से अधिकारियों द्वारा कोई चर्चा न करना और सीधे दमनात्मक कार्यवाही करने मुख्यमंत्री की धमकी देना लोकतंत्र में निंदनीय हैं। मुख्यमंत्री के धमकी के बाद नवा रायपुर तूता में सभी जिलों के अध्यक्षों की बैठक आहूत कर आंदोलन को और तीव्र गति प्रदान करते हुए आंदोलन जारी रखने का निर्णय प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप की उपस्थिति में लिया गया।
कर्मचारी नेता विजय कुमार झा ने तूता धरना स्थल पर पटवारियों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री के धमकी से स्पष्ट है कि 15 मई से पटवारियों सी हड़ताल केवल राजस्व सचिव की हठधर्मिता के कारण जारी रहा। कोई चर्चा न होने और संवादहीनता के कारण छत्तीसगढ़ की जनता परेशान है। पटवारी संघ के अध्यक्ष भागवत कश्यप, जिलाध्यक्ष नीरज प्रताप सिंह, और सचिव कमलेश तिवारी का कहना है कि सरकार को जो कार्रवाई करना है करे हम तैयार हैं। बातचीत का रास्ता खुला है, सरकार पहल करे।
एस्मा सरकार का दमनकारी कदम
पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह, और पूर्व राजस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एस्मा लगाकर दमन का काम किया है। सचिव स्तर के अफसर को चर्चा करनी चाहिए। प्रशासन के सबसे छोटे अंग की मांगें न मानना सरकार की हठधर्मिता है।