रायगढ़

अविश्वास प्रस्ताव से डरी कांग्रेस, पार्षदों को शहर से बाहर भेजने का लिया निर्णय
14-Sep-2023 7:01 PM
अविश्वास प्रस्ताव से डरी कांग्रेस, पार्षदों को शहर से बाहर भेजने का लिया निर्णय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायगढ़, 14 सितंबर। महापौर के खिलाफ बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव पर 15 सितंबर को मतदान होना है। इसके लिए कांग्रेस ने प्रदेश स्तर से दो पर्यवेक्षकों को रायगढ़ भेज दिया है, जिसमें रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे और बीरगांव के मेयर नंदलाल देवांगन को भेजा गया है। सूत्र बताते हैं कि इस बार के भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव से कांग्रेस डरी हुई है और हार के डर से कांगे्रसी पार्षदों को बाहर भेजा जा रहा है तथा पर्यवेक्षकों के द्वारा नाराज पार्षदों को भी मनाने बुझाने की कोशिशें जारी है।

बुधवार को वे कांग्रेस कार्यालय पहुंचे, वहां पर वन टू वन पार्षदों से बातचीत की है। कांग्रेस के 24 पार्षद पहुंचे, एक पार्षद चन्द्रमणि बरेठ राजधानी जाने की वजह से वह नहीं पहुंचे है, बाकी पार्षदों से वन टू वन दोनों पर्यवेक्षकों ने शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के बंद कमरे में बातचीत की। कांग्रेस की प्लानिंग हैं कि यदि कोई अविश्वास प्रस्ताव के सम्मेलन में जाता है क्रास वोटिंग हो सकती है। ऐसे में सारे कांग्रेस पार्षदों शहर से बाहर भेज देने की प्लानिंग रखी गई है।

मेयर के खिलाफ प्रस्ताव गिराने

कांगे्रस की ऐसी रणनीति

दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कार्यक्रम गुरुवार को होना है, इसके पहले पूरे शहर की होटल बुक हो गई है, जगह नहीं होंने की वजह से आखिरी में कांग्रेस कमेटी में ही बैठक बुलाई गई। इधर इस बैठक के बाद दोनों पर्यावेक्षकों ने कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला के साथ विधायक प्रकाश नायक और सभापति जयंत ठेठवार के साथ में बैठक ली है। इसमें यह निर्णय लिया गया हैं कि मेयर, सभापति कांग्रेस का पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के वोटिंग के दौरान कलेक्टर द्वारा बुलाए गए सम्मेलन में नहीं जायेगा। ऐसे में सिर्फ 21 बीजेपी के पार्षद ही उस सम्मेलन में जाएंगे और यह प्रस्ताव अपने आप गिर जाएगा।

15 को कांग्रेसी पार्षद शहर से रहेंगे बाहर

कांग्रेस नेताओं का कहना हैं कि 15 सितंबर को वोटिंग होना है, उस दौरान यह निर्णय लिया गया हैं कि सारे पार्षद और मेयर, सभापति 14 सितंबर की रात को ही बाहर (दूसरे शहर ) चले जायेगें। इसमें मंगलवार की देर रात तक यह चर्चा चल रही थी कि सारे पार्षदों को कहा पर भेजा जाना है, चर्चा रही कि राजधानी में ही पार्षदों को भेजा जाये। इधर अविश्वास प्रस्ताव को देखते हुए रायपुर सभापति प्रमोद दुबे और बीरगांव के मेयर देवांगन रायगढ़ में ही अभी रहेंगे।

मंगलवार को वन टू वन चर्चा में पार्षदों से पूछा गया कि आप शहर सरकार से किसी तरह नाराजगी या कोई शिकवा शिकायत जैसी कोई बात तो नहीं है। हालांकि देर शाम 6 बजे तक कांग्रेस कार्यालय में भीड़ लगी रही। इस पर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज भी यहां के अविश्वास प्रस्ताव पर नजरे गड़ाए बैठे है।

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