बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 19 सितंबर। जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर ग्राम राजकुड़ी और डूड़ा में संयुक्त टीम के सदस्यों ने बाढ़ का जायजा लिया। ग्राम राजकोड़ी में 10 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त मिले। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में जांच शिविर लगाकर ग्रामीणों को आवश्यक दवाइयो का वितरण किया गया।
बीते शनिवार से करूवा नाला में आए उफान के बाद बाढ़ की वजह से चारों तरफ से घिरे ग्राम रजकुड़ी की वास्तविक स्थिति की खबर ‘छत्तीसगढ़’ द्वारा लगातार प्रकाशित की गई। इसके बाद स्वास्थ्य, राजस्व, पीएचई व पंचायत विभाग की टीम द्वारा नाले का पानी कम होते ही गांव पहुचकर ग्रामीणों का हालचाल जाना गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा सामान्य उपचार के लिए शिविर लगाया गया। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों को टीम द्वारा दवाइयां वितरित की गई।
टीम के समाने ग्रामीणों ने निकाली भड़ास
विकट स्थिति का सामना करने की वजह से परेशान ग्रामीणों की नाराजगी टीम के सामने नजर आई। टीम के सामने ही लोगों ने देर से आने और बाहर से चले जाने पर सवाल खड़े किए। कहा कि क्या वे और बड़ी घटना होने का इंतजार कर रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार गांव पहुंचने से दो दिन पूर्व प्रशासनिक टीम तेलाईकुड़ा चौक तक पहुंची थी पर मोटरबोट नहीं चल पाने के कारण दो घंटा इंतजार करने के बाद लौट गई।
ग्रामीणों ने बताया कि बड़े वाहन ट्रैक्टर आदि से गांव में आया जा सकता था पर कोई नहीं आया। रविवार को भी आया जा सकता पर नहीं आए। बहरहाल ग्रामीणों ने नाले का जलस्तर कम होने के बाद राहत महसूस की है। टीम द्वारा ग्राम डुडा, सांवतपुर, नगपुरा व अन्य गांवों का निरीक्षण किया गया। दल को जल्द ही प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया है।
तहसीलदार परमानंद बंजारे ने बताया कि मैंने आठ से दस घर क्षतिग्रस्त होना पाया है। फसल नुकसान का आंकंलन डूबे फसल से पानी कम होने के बाद हो पाएगा। टीम द्वारा अन्य गांवों का भी निरीक्षण किया गया।