धमतरी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कुरूद, 21 सितंबर। नगर की सडक़ों पर आवारा पशुओं एवं गली मोहल्लों में खुंखार कुत्तों का राज़ क़ायम है। सडक़ पर बैठे मवेशियों की वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। बस्तियों में आवारा कुत्तों के डर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। स्थानीय प्रशासन से निराश हो चुके नागरिक परेशान हैं कि फरियाद किससे करें ?
ज्ञात हो कि सडक़ों पर आवारा पशुओं की वजह से होने वाले हादसे रोकने राज्य सरकार ने ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकायों में गौठान निर्माण के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने गौठान निर्माण की राशि खर्च करने में तगड़ी तत्परता दिखाई, लेकिन इसके उपयोग में कोई ध्यान नहीं दिया है। सरकारी फरमान पर कुछ समय तक रोका-छेका अभियान चलाया गया। लेकिन परिणाम वहीं ढाक के तीन पात। दिन हो या रात चौक चौराहों से लेकर सडक़ों पर मवेशियों का झुंड बड़े मजे से जुगाली करते नजर आते हैं। राहगीर जैसे तैसे बचते-बचाते व्यवस्था को कोसते हुए सडक़ पार करते हैं।
ज्ञात हो कि नगर पंचायत ने केनाल रोड और मुक्तिधाम के बीच में करीब 18 लाख की लागत से गौठान का निर्माण कराया है। उसे बने महिनों हो गया, लेकिन अब तक उद्घाटन का अता पता नहीं। गौठान का गेट आज भी बंद है। नगर में रोका छेका अभियान महज खानापूर्ति बन कर रह गया है। यही कारण है कि मवेशी गौठान की जगह कारगिल चौक, सरोजनी चौक, हुतात्मा चौक, दीनदयाल चौक, नया, पुराना बाजार सहित अन्य जगहों पर कब्जा जमाये बैठ हादसों की वजह बन रहें हैं। इसी तरह नगर में आवारा कुत्तों की तादाद भी काफी बढ़ गई है। जिसके चलते लोगों का गली मोहल्ले में आना जाना दूभर हो गया है। सर्वाधिक परेशानी छोटे छोटे स्कूली बच्चों को हो रही है। खूंखार कुत्तों के डर से उनका घर से बाहर अकेले जाना जोखिम भरा हो गया है।