बलौदा बाजार
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प्राथमिक शाला सुरबाय का हाल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 23 सितंबर। कसडोल विकासखंड के कई सरकारी स्कूल भगवान भरोसे चल रहे हंै। अधिकांश शिक्षक स्कूल से नदारद रहते हैं। बच्चों का भी ककहना है कि शिक्षक स्कूल रोज और समय पर नहीं पहुंचते, कभी कभार स्कूल आते हैं। इस संबंध में विकासखंड शिक्षा अधिकारी राम रमाकांत देवांगन ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है।
स्कूलों का हाल-बेहाल
विकासखंड अंतर्गत आने वाले लगभग सभी शासकीय स्कूलों का हाल बेहाल है। स्कूलों में शिक्षक जाते ही नहीं है।साथ ही कई स्कूलों में शिक्षक मनमर्जी से पहुंचते हैं। इसके अलावा स्कूलों में शिक्षक पारी बांधकर स्कूल जाते हैं।
सुरबाय में प्राथमिक शाला की मरम्मत होने के कारण माध्यमिक शाला में स्कूल लग रही है। दोनों स्कूल मिलाकर कुल पांच शिक्षक मौजूद हैं, लेकिन केवल एक शिक्षक नितेश्वर सिंह ठाकुर 30 मिनट देरी से स्कूल पहुंचे वहीं 11 बजे तक स्कूल में अन्य शिक्षक नहीं पहुंचे थे।
इधर बच्चों और स्कूल की रसोइया ने कहा कि कभी कभार की शिक्षा की स्कूल आते हैं। साथ ही बच्चों ने कहा कि शिव नाम के शिक्षक ही प्रतिदिन स्कूल पहुंचते हैं, शेष शिक्षकों का पता नहीं रहता है।
मध्यान्ह भोजन खाकर
घर जा रहे बच्चे
शिक्षकों के लगातार स्कूल नहीं पहुंचने के कारण यहां बच्चे मध्यान्ह भोजन खाकर घर जा रहे हैं। यहां मिडिल स्कूल और प्राइमरी स्कूल मिलकर पांच शिक्षक पदस्थ हैं, पांचों शिक्षक का अपने मन के मालिक हैं और सभी ने स्कूल आने की दिन तिथि बांध रखी है। इसलिए वे हफ्ते भर में मुश्किल से 2 दिन स्कूल आते हैं। बाकी समय घर में आराम फरमाते हैं। खास बात यह है कि सुरबाय स्कूल जंगल इलाका है। जिसका फायदा सुरबाय सहित आसपास के स्कूल वाले भी उठाकर स्कूल नहीं आते, जिसकी वजह से स्कूली बच्चों के भविष्य का गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
जर्जर हालत में चल रहा है स्कूल
प्राथमिक शाला भवन जर्जर हैं। शुरुआत में प्राथमिक शाला का मरम्मत कार्य चलने के कारण माध्यमिक शाला में ही स्कूल लगाया जा रहा है, लेकिन अब एक ही स्कूल में कक्षा लगाने के कारण शिक्षकों की चांदी हो गई है। पड़ताल के दौरान बच्चे कैरम बोर्ड चेस के सहित अन्य खेल खेलते नजर आए।
आपसे मिल रही है जानकारी-बीईओ
बीईओ कसडोल रमाकांत देवांगन का कहना है कि आपके माध्यम से जानकारी मिल रही है। गंभीरता पूर्वक जांच कराई जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बारी-बारी से आते हैं शिक्षक
रसोईया सरस्वती का कहना है कि समय पर कोई शिक्षा की स्कूल नहीं पहुंचते हैं कभी कोई तो कभी कोई शिक्षक आते हैं। या हम लोग खाना खिलाकर बच्चों को घर भेज देते हैं। जिस दिन आते हैं उस दिन पढ़ते हैं एक घंटा नहीं तो बाकि दिन खाना खिलाकर भेज देते हैं।
गाड़ी में प्रॉब्लम आ गई थी
शिक्षक नितेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है कि मैं 30 मिनट लेट से स्कूल पहुंचा हूं कुछ गाड़ी में प्रॉब्लम आ गई थी बाकी शिक्षक भी आ रहे हैं। लेकिन बरसात के कारण विलंब हो रहा है मैं डेली स्कूल आता हूं
आधे शिक्षक आते हैं
छात्रों का कहना है कि स्कूल में पांच शिक्षक हैं लेकिन आधे आते हैं आधे लोग नहीं आते हैं। शिव गुरुजी बस आते हैं बाकी शिक्षक नहीं आते हैं, पढ़ाई भी अच्छा नहीं करते हैं।