बेमेतरा

अनुबंध पर काम कर रहे डॉक्टर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 24 सितंबर। जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास चिकित्सकीय अमले की कमी है। विभाग के पास जिले में वर्ग एक के स्वीकृत 71 पदों में से 63 पद रिक्त हैं। जिले में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी की वजह से ज्यादातर सरकारी अस्पताल वर्ग दो के डॉक्टरों के भरोसे चल रहे हैं।
ज्ञात हो कि जिले में जिला अस्पताल, एक एमसीएच, सिविल अस्तपाल, 4 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व उपस्वास्थ केन्द्रों के लिए सेटअप स्वीकृत किया गया है, जिसमें से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों को छोडक़र अन्य अस्पतालों के लिए प्रथम श्रेणी चिकित्सक के 71 पद स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से जिले में एक सीएचएमओ, एक सिविल सर्जन, एक निश्चेतना विशेषज्ञ, 4 शिशुरोग, स्त्री रोग विशेषज्ञ के एक-एक डॉक्टर समेत प्रथम वर्ग के केवल 9 डॉक्टर ही पदस्थ हैं।
एमसीएच अस्पताल के लिए स्वीकृत पदों में डॉक्टरों की कमी
जिला अस्पताल परिसर में संचालित एमसीएच अस्पताल में स्त्रीरोग विशेषज्ञ के 11 पदों में से 7 पद रिक्त हैं। स्त्रीरोग का एक विशेषज्ञ पदस्थ है और 10 पद रिक्त हैं। इसी तरह निश्चेतना विशेषज्ञ के 11 पद में 10 पद रिक्त हैं। मेडिसिन विशेषज्ञ के 9 पदों में से एक कार्यरत है। 8 पद रिक्त हैं।
विशेषज्ञ श्रेणी वर्ग के 29 पदों में एक भी डॉक्टर नहीं
जिले के लिए प्रथम वर्ग डॉक्टरों के स्वीकृत पदों में जिला स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी, जिला क्षय अधिकरी, जिला टीकाकण अधिकारी के एक-एक पद, अस्पताल अधीक्षक के दो पद, अस्थि व नेत्ररोग, रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट के दो पद, नाक, कान रोग विशेषज्ञ, मनोरोग, खंड चिकित्सा अधिकारी के अलावा सर्जरी विशेषज्ञ के स्वीकृत सभी 9 पद रिक्त हैं।
बॉन्डेड डाक्टर गए तो और अधिक संकट
जिले में डॉक्टरों के वर्ग दो के लिए कार्यरत 56 डॉक्टरो में से 12 डॉक्टर अनुबंध के तहत सेवा दे रहे हैं, जिसमें 5 डॉक्टर हाट बाजार व चिकित्सा अधिकारी है। इनके वापस जाने के बाद रिक्त डाक्टरों की संख्या और अधिक होगी।
वर्ग-2 में डॉक्टरों के 30 पद रिक्त , 86 में से 56 पर काम कर रहे
जिले में प्रथम वर्ग के डॉक्टरों के साथ ही वर्ग दो के डॉक्टरों की भी कमी है। हालांकि विभाग के लिए राहत की बात है कि जिस तरह से प्रथम वर्ग के 85 फीसदी पद रिक्त हैं, उस तरह की स्थिति द्वितीय वर्ग के डॉक्टरों के साथ नहीं है। जिले में दंत रोग विशेषज्ञ के स्वीकृत 7 पदों में से 4 ही पद पर कार्यरत हैं। पीजीएमओ शिशुरोग के एक पद, स्त्री रोग व पैथोलाजी के 3 -3 पद रिक्त हैं। इसके आलावा जिले में प्रशासनिक अफसर के 3 पद, पीजीएमओ निश्चेतना का एक पद, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट व मलेरिया अधिकारी का एक पद रिक्त है। जिले में पीजीएमओ अनुबंध के दो पद रिक्त हैं। जिले के लिए राहत की बात है कि हाट बाजार क्लीनिक के लिए स्वीकृत पांच डॉक्टर पदस्थ हैं। इनके अलावा चिकित्सा अधिकारी के कुल 61 पदों में से 45 पदों पर चिकित्सा अधिकारी कार्यरत हैं, जिसके बाद भी 16 पद रिक्त हैं।
जिले में अस्पतालों की संख्या
जिले के चार विकासखंड बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक में 157 शासकीय अस्पताल हैं, जिसमें एक जिला अस्पताल, दो एमसीएच, 7 सीएचसी, 19 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र व 128 उपस्वास्थ्य केन्द्र हैं, जहां पर पर्याप्त स्टाफ नहीं हैं। हालत ये है कि अधिकारी वर्ग के डॉक्टरों के पद केवल 15 फीसदी डॉक्टर व अन्य वर्ग के 65 फीसदी कार्यरतों के भरोसे चल रहे हैं।
सिविल सर्जन जिला अस्पताल डॉ.एसआर चुरेन्द्र ने बताया कि जिला अस्पताल में स्वीकृत पदों की अपेक्षा कार्यरतो की संख्या कम है। कुछ डॉक्टरों को विशेष तौर पर अनुबंध कर उनकी सेवाएं ली जा रही है। शासन को रिक्त पदों की कमी दूर करने के लिए डॉक्टर नियुक्त करने के लिए अनुरोध पत्र भेजा गया है।