बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भाटापारा, 25 सितम्बर। एक समय था जब पुल पुलिया का युग नहीं था, जिसके चलते बारिश का मौसम आते ही जीवन जहां का तहां ठहर जाता था। बारिश में रास्ते बाधित हो जाते थे,नदियां उफान पर होतीं थी, लेकिन समय बदला और आधुनिकीकरण के युग में इसका विकल्प तैयार होते गया तथा पुल पुलिया के माध्यम से इस समस्या का निदान हुआ।
मगर बदलते समय और आवश्यकता के अनुरुप बदलाव का अभाव इस युग में भी पुराने समय की दिक्कतों को परिलक्षित करती हुई दिखाई देता है,जिसका उदाहरण है भाटापारा को अन्य जिलों से जोडऩे वाला शिवनाथ नदी पर स्थिति पुल जो हर बारिश में दिक्कतों का सबब साबित होता हुआ प्रतीत हो रहा है।
कम ऊंचाई और कमजोर स्थिति
लगभग चार,दशक पूर्व निर्मित यह पुल प्रारंभिक दशा में परिवहन में भले ही एक समाधान परक व्यवस्था का प्रतीक था, लेकिन इसकी स्थिति को देखकर लंबे समय से महसूस किया जा रहा है कि अब यह बाधा का स्वरुप बनती जा रही है, इसलिए इसका यथोचित समाधान आवश्यक है। एक तो पुल की कमजोर होती स्थिति जगह से जगह से उखड़ती परतें वर्ष भर भय एवं जोखिम का माहौल खड़ा करती हुई प्रतीत होतीं है। वहीं थोड़ी सी बारिश का प्रवाह इस पुल को भर देती है और आवागमन अवरुद्ध हो जाता है,वैसे बीच बीच मे पुल के मरम्मत की प्रक्रिया की जाती है, लेकिन इसकी ऊंचाई बढ़ाने की दिशा में किसी ठोस संकल्पना का आगाज अभी तक सुनाई नहीं दिया है।
ऊंचाई बढ़ाने की दरकार
भाटापारा को अन्य जिला से जोडऩे एवं भाटापारा क्षेत्र महत्वपूर्ण व्यापारिक केन्द्र होने के कारण इस पुल के जरिए बहुत बड़े क्षेत्र का सरोकार है,लेकिन बारिश के मौसम में यह सरोकार बुरी तरह प्रभावित होता नजर आता है,क्योंकि पुल की ऊंचाई छोटी होने के कारण पुल मध्यम बारिश में भी डूब जाता है,इसलिए इस पुल की ऊंचाई बढ़ाने की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही है। साथ ही साथ पुल की वर्तमान स्थिति मजबूती के मामले मे भी संतोषप्रद नहीं जान पड़ रही है, जिसके चलते इसके नवीन पुल निर्माण की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।
पुल स्थिति परिवर्तन की लंबे समय से उठती मांग
सेमरिया घाट पुल की वर्तमान वस्तुस्थिति और वर्षभर महसूस होती जोखिम तथा बारिश के मौसम में जोखिम के साथ असुविधा की उत्पन्न होती परिस्थिति के मद्देनजर जनमानस द्वारा लंबे समय से पुल के वस्तुस्थिति में परिवर्तन की मांग की जा रही है, लेकिन इस दिशा में शासन-प्रशासन द्वारा अभी तक कोई ठोस संज्ञान नहीं लिया गया है और न ही पुल के परिस्थिति परिवर्तन पर जमीनी स्तर पर किसी ठोस कार्रवाई की आगाज सुनाई दी है,जनमानस को इंतजार है कि कब इस दिशा में समाधान का स्वर सुनाई देगा और यातायात को परेशानी मुक्त डगर प्राप्त होगा।