राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 अक्टूबर। राज्य सरकार की नई खनिज नीति से निर्माण क्षेत्र से जुड़े कांट्रेक्टर और ट्रांसपोर्टर डर गए हैं। इस नीति के विरोध में शासकीय व निजी काम पर प्रतिकूल असर पड़ा है। कांट्रेक्टर एसोसिएशन का दावा है कि राज्य खनिज नीति निर्माण कार्यों में अड़चने खड़ी कर रही है। जिसकी वजह से निर्माण के काम नहीं हो पा रहे हैं।
ज्ञापन में कान्ट्रेक्टर एशोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बिरेश शुक्ला व कमलजीत सिंह, जिला कान्ट्रेक्टर एशोसिएशन के अध्यक्ष संजय सिंघी, सचिव आलोक बिंदल एवं परिवहन संघ के अध्यक्ष दामू भूतड़ा एवं उपाध्यक्ष मुन्ना यादव ने बताया कि छग राज्य शासन की नई खनिज परिवहन नीति लागू होने से प्रदेश के शासकीय व अशासकीय ठेकेदारों के कार्य ट्रांसपोर्टरों की विगत 15 दिवस से जारी हड़ताल के कारण निर्माण कार्य बंद है। जिससे प्रदेशभर में रेत, मुरूम, गिट्टी एवं ईंट की सप्लाई बंद है। उन्होंने बताया रायपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर, अम्बिकापुर, नारायणपुर, जगदलपुर, धमतरी, बालोद, सुकमा, कांकेर, बीजापुर सहित प्रदेशभर में निर्माण कार्य बंद हो चुके हैं। नतीजा यह कि निर्माण एवं ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में बेरोजगारी की स्थिति निर्मित हो गई है।
निर्माण कार्यों में संलग्न ठेकेदारों के आपरेटर, ड्राईवरों, निर्माण क्षेत्र से जुड़े मिस्त्री व श्रमिकों को बेरोजगारी की गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। ठेकेदार संघ द्वारा अपना पक्ष रखते हुए कहा जा रहा है कि उन्हें जब तक गिट्टी-रेेत, मुरूम, ईंट आदि की सप्लाई प्राप्त नहीं होगी, तब तक निर्माण कार्यों के क्रियान्वयन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा। मजबूरीवश ठेकेदारों को निर्माण कार्य बंद करना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार और विभागों द्वारा आगामी चुनाव को देखते हुए ठेकेदारों पर शीघ्र कार्य करने हेतु दबाव बनाया जा रहा है। जबकि ठेकेदार नई खनिज नीति के कारण भारी जुर्माना एवं जेल जाने के नियम के कारण किसी भी कीमत पर कार्य करने को तैयार नहीं हैं।
ठेकेदारों का कथन है कि छत्तीसगढ़ राज्य में शासकीय, अशासकीय निर्माण कार्यों खनिज की जितनी मात्रा की खपत है, उतनी मात्रा में खनिज पट्टों में माइनिंग प्लान ही नहीं है। कोई भी ठेकेदार या परिवहनकर्ता बिना रायल्टी पर्ची के काम नहीं करना चाहते, किंतु पर्याप्त मात्रा में माइनिंग प्लान की स्वीकृति न होने कारण यह स्थिति बन रही है।
ठेकेदारों का कहना है कि उनके द्वारा संपादित किए गए कार्यों का विभाग द्वारा प्रत्येक रनिंग बिल एवं फाइनल बिल का परीक्षण कर रायल्टी एवं डीएमएफ राशि की कटौती कर ली जाती है। ठेकेदारों का पूरा खाता बही छग शासन के विभाग के पास ही उपलब्ध रहता है।
इसके बाद ठेकेदार रायल्टी में किसी प्रकार की चोरी नहीं कर सकता। राजनांदगांव में अधिकतर खदानें पर्यावरण की एनओसी नहीं मिलने के कारण बंद है। जिसके कारण रायल्टी पर्ची उपलब्ध नहीं हो पा रही है।