गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 25 जून। गरियाबंद जिला के ग्राम पंडरीपानी जो कि घने जंगल के बीच 13 गांव से जुड़े हुए हैं,जहां 1008 भुवनेश्वर महादेव भगवान के नाम से विशाल शिवलिंग विराजमान है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरा यह वनांचल क्षेत्र में बारहों माह भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।
पवित्र सावन मास में दूर-दूर से कांवरियों का शिवलिंग में जल चढ़ाने का तांता लगा रहता है। हर हर महादेव ओम नम: शिवाय की जयकारों से पूरा अंचल भक्तिमय हो जाता है, वहीं ग्रामीणों के साथ-साथ वहां के संत पुजारी सुबह-शाम नियमित पूजा पाठ करने में लगे रहते हैं। अन्य साधु संतों का भी यहां बड़ी संख्या में आना-जाना लगा रहता है, जिससे पूरा वातावरण भक्ति मय है, इसके अलावा विशेष पर्वों पर हवन-यज्ञ प्रवचन,भजन कीर्तन का भी आयोजन होता है जहां बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण जन जुड़ते हैं।
बताया जाता है कि यहां जो भी भक्त अपनी मन्नत लेकर आते हैं उसकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। राष्ट्रीय संघ सुरक्षा परिषद जिला गरियाबंद प्रचारक के संत मारुति नंदन शरण जी महाराज भुवनेश्वर धाम में रहकर जन कल्याण हेतु ध्यान-साधना, तपस्या करते हैं।
उन्होंने बताया कि बाहर से आने-जाने वाले सभी भक्तों, साधकों के ठहरने एवं भोजन की सुविधा भी की जाती है इसके लिए एक सेवा समिति भी बनाया गया है, जिसके पदाधिकारी संरक्षक,अध्यक्ष, सचिव सहित ग्राम पटेल गेंद सिंह ध्रुव भी सेवा में लगे रहते हैं। इस प्रकार यह भुवनेश्वर धाम अपने प्रसिद्धी की ओर अग्रसर है।