कांकेर
कांकेर, 28 जून। आज सुबह चरवाहा की कोशिश के बावजूद भी बकरे को तेंदुए से नहीं बचाया जा सका। चरवाहे के प्रयास से तेंदुआ बकरे को छोडक़र तो भाग गया पर उसके हमले से घायल बकरे की मौत हो गई। शिकार को लेने तेंदुआ बस्ती की ओर न आजाए, इस भय से ग्रामीणों ने शिकार किए गए मृत बकरे को वापस उसी पहाड़ी में छोड़ दिया जहां तेंदुआ ने उस पर हमला किया था।
घटना कांकेर से लगे हुए ग्राम थेलकाबोड की है, जहां बस्ती से लगे पहाड़ी पर शेखर बकरे बकरियों को चरा रहा था। आज सुबह लगभग 11 बजे पहाड़ी पर एक तेंदुआ बकरियों के झुंड के कऱीब पहुंचा और वह एक बकरे को पकड़ लिया।
चरवाहा शेखर ने बकरे को बचाने काफी प्रयास किया, दौड़ लगाई, हल्ला मचाया। जिससे तेंदुआ बकरे को छोडक़र भाग गया । उसके बाद चरवाहा ने बकरे को पकड़ कर घर ले आया, तब तक उसकी मौत हो गई थी।
गांव वालों ने यह खबर सुनकर वहां एकत्रित हुए। यह खबर सुनकर आसपास रहने वालों को भय हो गया। वहां मौजूद लोगों ने यह निष्कर्ष निकाला कि तेंदुआ अपने शिकार को लेने कहीं बस्ती में न आ जाए। इस भय से सभी ने विचार करके बकरा को वापस पहाड़ी में छोड़ आए, जिससे कि वह तेंदुआ अपने शिकार को लेने आबादी क्षेत्र में नहीं आए। जानकारी मिली है कि वन विभाग ने बकरे के मालिक को क्षतिपूर्ति देने मुआवजा प्रकरण बनाया है।