रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 30 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ-साथ ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिये एक पेड़ मां के नाम लगाने की शुरुआत की है, लेकिन रायगढ़ जिले के हरे भरे पेड़ केवल काटने के लिये ही हैं, जिसके कारण बड़े धन्ना सेठ जंगलों के बीच जमीन लेकर उसमें फार्म हाउस बनाने का एजेंडा बनाते हुए बकायदा हजारों पेड़ की बलि दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं है।
अब जब मामला सुर्खियों में आया तब प्रशासनिक अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं। इतना ही नहीं ग्राम के पटवारी व सरपंच भी मोटी रकम लेकर इस पूरे मामले को दबाने में लगे हुए हैं। चूंकि मामला राजनीति पकड़ के साथ-साथ मोटी कमाई का था इसलिये संबलपुरी स्थित बटर फ्लाई स्थल में जांच टीम नहीं पहुंची।
रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर स्थित ग्राम संबलपुरी में कुछ साल पहले चार धन्ना सेठों ने मिलकर मेन रोड पर स्थित कई एकड़ जमीन खरीदकर वहां फार्म बनाकर बेचने के लिये बकायदा प्लाटिंग करते हुए उसे बेचना शुरू किया और आज उस जगह एक इंच भी जमीन खाली नहीं है। बताया जा रहा है कि इस जगह को आलीशान बनाने के लिये महुआ, आम, सरई के साथ-साथ अन्य कई पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से होते रही और वहां निर्माण कार्य भी लगातार जारी है। इतना ही नहीं इलाके को जोडऩे वाली सडक़ पर बड़े अधिकारी भी आना-जाना करते हैं पर किसी की नजर इस बटर फ्लाई प्रोजेक्ट पर नहीं पड़ी। कुछ दिन पहले ही गांव वालों ने यहां पेड़ कटने की शिकायत कलेक्टर को की थी और अब मामला तूल पकड़ चुका है।
आलीशान कार्टेज बनाकर बेचा गया करोड़ों में
संबलपुरी ग्राम जो रायगढ़-हमीरपुर मार्ग में स्थित है। यहां रायगढ़ के कुछ बड़े भू-माफियाओं ने एक गुट बनाकर बटरफ्लाई प्रोजेक्ट बनाया जो संबलपुरी में जंगल के बीच में एक आरामगाह के रूप में बनाया है। सैकड़ों पेड़ों को काटकर यहां कॉटेज बनाए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट की खासियत यह है कि इसे टॉप सीक्रेट बनाकर काम किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में ऐसी भी कॉलोनी या प्रोजेक्ट बन सकती है कोई सोच भी नहीं सकता।
संबलपुरी में जंगल के बीच रोड किनारे बटरफ्लाई ब्लिस नाम से एक परिसर का निर्माण हुआ है। इस परिसर को सुंदर बनाने के लिए बकायदा साल, महुआ, आम सहित बेशकीमती पेड़ों की बिना अनुमति कटाई कर दी गई जो अभी भी जारी है। ग्रामीणों के अनुसार रायगढ़-हमीरपुर मार्ग से लगी इस बेशकीमती जमीन में लगभग एक दर्जन से भी अधिक प्लाट काटकर दो साल पहले ही बेच दिये गए हैं और अब अन्य जमीन पर भी करोड़ों रुपये में बेचने के बाद उसमें निर्माण कार्य करने के लिये पेड़ों की कटाई की जा रही है।
क्या कहती है इलाके की पटवारी
ग्राम संबलपुरी में बटरफ्लाई प्रोजेक्ट के नाम पर ली गई जमीन पर लगे पेड़ों की जानकारी मांगे जाने पर इलाके की पटवारी कुछ भी कहने से कुसमी सनमानी का कहना था कि अभी उनके नाम इसकी कोई जानकारी नहीं है। पटवारी ने यहां तक कहा कि वहां पर जमीन किसने खरीदी है इसकी भी जानकारी वह अभी नहीं दे सकती। चूंकि वह अस्पताल में है। पेड़ों के लगातार कटने पर भी पटवारी ने चुप्पी साध ली।
बहरहाल देखना यह है कि अब इस मामले में कलेक्टर को शिकायत होने के बाद आगे क्या कार्रवाई होती है, चूंकि मामला जंगलों के बीच बन रहे बटरफ्लाई प्रोजेक्ट का है और इस प्रोजेक्ट के नाम पर करोड़ों रुपये की कमाई होने के बाद अब कथित जमीन मालिक पेड़ों को काटकर इसे दूसरा रूप देने में लगे हैं। एक अन्य पटवारी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से लगी कुछ जमीन बंटन भूमि के अंतर्गत भी आती है।