रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 2 अगस्त। सरकारी बेशकीमती भूमि पर कब्जा का खेल जिले भर के विभिन्न अंचलों में धड़ल्ले से चल रहा है। इसी कब्जे के खेल में घरघोड़ा नगर भी आ गया है। जिसमें घरघोड़ा नगर के बस स्टैंड में रेस्टहाउस से लगे दोनों तरफ की छोटे झाड़ भूमि राजस्व अभिलेख में दर्ज है। इसमें बिना अनुमति के दुकान लाखों रुपये खर्च कर बना दिया गया। अब उक्त दुकानों के इर्द गिर्द जेसीबी से साफ सफाई के अलावा बिल्डिंग मटेरियल से कब्जा करने का खुला खेल चल रहा है जिसकी शिकायत होने पर एसडीएम ने रोक लगाने का आदेश नगर पंचायत को दिया है।
इस संबंध में घरघोड़ा एसडीएम रमेश मोर का कहना है कि मेरे द्वारा इस प्रकरण पर नगर पंचायत सीएमओ को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है। उचित कार्रवाई की जाएगी। किसी भी तरह का कोई भी अवैधानिक कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ज्ञात हो कि 15 वर्ष पहले बस स्टैंड में नगर पंचायत द्वारा दोनों तरफ बिना शासन से अनुमति लिए शासन के लाखों रुपये की राशि से गुणवत्ताविहीन जर्जर कॉम्प्लेक्स का निर्माण कर दिया गया था। वहीं, नियमो को ताक में रख कर उक्त जर्जर काम्प्लेक्स से कुछ दुकानों का नीलाम कर आवंटन भी तीन लोगों को कर दिया गया। इन सबसे इतर उक्त भूमि जबकि नगर पंचायत के स्वामित्व के बजाए पीएचई विभाग को जल जीवन मिशन के तहत आवंटन किया गया है। ऐसे में निर्माण कैसे और नीलामी भी किस आधार पर की गई हैं। यह नगर में चर्चा का विषय बन गया है। जबकि जिन्हें दुकान दिया गया उन्हें आज तक दुकान ही नहीं मिला इसके अलावा उनके द्वारा दी गई राशि भी वापस नहीं लौटाया गया। इन सभी के बीच बीते दिन उक्त दुकान का जिन्न उस वक्त बाहर आ गया जब दुकान में फिर से कब्जा करने के लिए साफ सफाई तथा निर्माण सामग्री गिराया जाने लगा। इसे देखकर जिन्हें दुकान आवंटन हुआ जा उनके होश उड़ गया। दूसरी ओर उम्मीद भी जगी की शायद उन्हें दुकान मिल सकता है लेकिन यहां उक्त दुकान में कतिपय द्वारा कब्जाया जाने की बात सामने आई। जिस पर जल संसाधन विभाग द्वारा एसडीएम को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण से अवगत कराया।
पत्र के माध्यम से पीएचई ने वर्ष 2012 में शासकीय भूमि खसरा नंबर 488-1 क रकबा 0.987 भूमि पटवारी अभिलेख कालम 12 में लोक स्वास्थ्य यांत्रिक को आवंटित है। उक्त भूमि में जल प्रयोगशाला तथा आहाता का निर्माण होना है। इधर इस पत्र के बाद तत्काल एसडीएम ने संज्ञान लेते हुए नगर पंचायत को कार्रवाई का निर्देश दिया है।
पीएचई सोता रहा और आवंटित भूमि पर हो गया निर्माण
पीएचई की भूमि पर कब्जा का खेल का कारनामा 15 साल बाद फिर से निकला है। जिसमें अब जब कुछ लोगों द्वारा उक्त भूमि पर कॉम्प्लेक्स पर कब्जा करने बकायदा जेसीबी से सफाई कर दिन दहाड़े बालू व निर्माण सामग्री गिरा रहे है। इसे देखकर पीएचई के अधिकारियों ने घरघोड़ा एसडीएम को पत्र लिखकर रोक लगाने की मांग किए है। जबकि 15 साल तक मानो विभाग सोता रहा और उनके भूमि में सरकारी पैसे से दुकान भी बन गया। सवाल यह उठने लगा है कि उक्त दुकान किस मद से बना है और किस विभाग ने बनाया है।
वीआईपी जोन इलाके में अतिक्रमण
बस स्टैंड इलाका घरघोड़ा में वीआईपी क्षेत्र है। घरघोड़ा अनुविभागीय अधिकारी तहसीलदार बड़े अधिकारियों का दफ्तर है। वहीं गेस्ट हाउस भी है। जहां हर समय बड़े नेताओं का आना जाना लगा रहता है। बावजूद इसके अधिकारी वर्ग इस कब्जे को देखकर मानो अनदेखा कर दिए। वही यह यक्ष का सवाल बन गया है कि उक्त स्थल में अवैध कब्जे को खुली छूट किसके संरक्षण में दी जा रही है।
कलेक्टर ने दिया था तोडऩे का आदेश
रायगढ़ के तत्कालीन कलेक्टर अमित कटारिया ने घरघोड़ा भ्रमण पर आए थे। ऐसे में निरीक्षण के दौरान गेस्ट हाउस के बगल में मौजूद अधूरे जर्जर अवैध कॉम्प्लेक्स निर्माण पर नाराजगी जताते हुए तोडऩे तत्कालीन राजस्व विभाग के अधिकारियों को आदेशित किया। आदेश के परिपालन में जेसीबी चला कर उक्त निर्माण को तोड़ा भी गया था। परंतु अब फिर अवैध कब्जे का खेल चल रहा है और राजस्व विभाग अन्य विभाग पर जिम्मेदारी थोप पल्ला झाड़ रही है।