दुर्ग
पूर्व सीएम की मौजूदगी में गेल इंडिया के अफसरों व किसानों के बीच बनी सहमति
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 अगस्त। फसल काटने तक अब गेल इंडिया कंपनी द्वारा किसानों के खेतों में गैस पाइपलाइन नहीं बिछाया जाएगा। जब तक फसल क्षतिपूर्ति एवं मुआवजा राशि का भुगतान नहीं होगा, तब तक काम शुरू नहीं किया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद उनके निवास में गेल इंडिया कंपनी के अधिकारियों व किसानों के बीच हुई बैठक यह सहमति बनने के साथ किसानों की खेतों में खड़ी फसल को रौंदकर पाइपलाइन बिछाने से परेशान किसानों की समस्या का फिलहाल समाधान हो गया है।
किसान नेता रवि प्रकाश ताम्रकार के अनुसार इसके अलावा अन्य जिन 5 बिंदुओं पर सहमति बनी इसके मुताबिक किसानों के खेतों का फसल नुकसान का 2 वर्ष का मुआवजा क्षतिपूर्ति माह अगस्त में ही भुगतान किया जाएगा। कृषि भूमि के कीमत की बिक्री छाट के 10 प्रतिशत का 4 गुना 12 प्रतिशत वार्षिक ब्याज अधिसूचना जारी होने के तारीख से मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही किसानों के तार घेरा एवं अन्य नुकसान का गांव में उपस्थित होकर मुआवजा निर्धारण करने की बात कही गई है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बघेल ने अधिकारियों से कहा कि किसानों के साथ ज्यादती बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर काम करना है तो किसानों से सामंजस्य बनाकर कम करें। पुलिस या गुंडागर्दी से काम नहीं होने देंगे। राजेंद्र साहू ने गेल इंडिया के अधिकारियों से कहा कि किसानों के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करे। महापौर निर्मल कोसरे, अध्यक्ष युवा कांग्रेस दुर्ग जिला जयंत देशमुख, हेमंत साहू, अभिषेक वर्मा व आशीष वर्मा ने भी किसान विरोधी क्रियाकलापों का विरोध किया। किसान संघ की ओर से रवि प्रकाश ताम्रकार ने कहा कि पेट्रोलियम एवं खनिज पाइपलाइन (भूमि में उपयोग के अधिकार का अर्जन) अधिनियम 1962 में निहित धारा 3 (1) नियम 1963 में निहित नियम 3 (2) (ड्ड) एवं 3 (2) (ड्ढ) का उल्लंघन किया जा रहा है। धारा 10 (1) का भी उल्लंघन किया गया है। कंपनी के कर्मचारियों द्वारा सहमति पत्र में मुआवजे की राशि वाले कॉलम को खाली छोडक़र किसानों से हस्ताक्षर करवाए गए हैं जो कि एक संगीन अपराध की श्रेणी में आता है। प्रभावित किसानों के हितों को नजरअंदाज कर दमन पूर्वक पाइपलाइन बिछाया जा रहा है।
संदीप पटेल ने बताया कि राजस्व मंत्री को भी गलत जानकारी दी कि समस्त किसानों को मुआवजा दे दिया गया है जो सरासर गलत है। किसानों ने गेल इंडिया के अधिकारियों से प्रश्न की झड़ी लगा दी, जिसका अधिकारी जवाब नहीं दे पा रहे थे। दानेश्वर वर्मा ने शिकायत की है कि मलपुरी में सब स्टेशन बनाया जा रहा है जहां उनके घर के किनारे गड्ढा खोद के छोड़ दिया गया है तथा घर गिरने का डर है। बागडुमर के किसान ने बताया कि उनके खेत के बीचो-बीच पाइप पिछले 1 साल से डालकर छोड़ दिया गया है जिससे ट्रैक्टर लाने ले जाने बुवाई करते नहीं बन रहा है। कई किसानों के खेतों में 1 साल से पाइप पड़ा हुआ है।
मनोज वर्मा नवागांव ने कहा कि पिछले साल गेहूं का फसल लगाया था बाउंड्रीवॉल तोडक़र पाइप डालने से गेहूं का खड़ा फसल बर्बाद हो गया। पथरिया के छबिलाल निषाद ने बताया कि 1 साल से खेत में पाइप गड़ाकर छोड़ दिए हैं मेड़ नहीं बनाया गया है और न ही भूमि को समतल किया गया है, जिसके कारण इस गांव के किसान फसल नहीं बो पा रहे हैं। गेल इंडिया कंपनी के डीएम जितेंद्र पांडे ने किसानों को बताया कि खेत को फसल बोने के लायक मेड़ पार बनाकर समतल कर किसानों को दिया जाएगा। गेल इंडिया के चीफ मैनेजर सौरभ सिंह, दीपक मौर्य उपस्थित थे। अधिकारियों ने कहा कि भविष्य में किसानों के साथ किसी प्रकार से नाइंसाफी नहीं किया जाएगा। किसानों से मिल बैठकर कार्य करेंगे। किसी प्रकार से जोर जबरदस्ती नहीं किया जाएगा। काफी शोर शराबा के बाद किसानों एवं गेल इंडिया के बीच सहमति बनी।
इस दौरान धर्मेंद्र सोनी बागडुमर, तीर्थ निषाद कौशल निषाद पथरिया, धर्मेंद्र यादव, भावेश कुमार ढौर, उमेश कुमार, छबिलाल, दानेश्वर वर्मा कोहडिय़ा, अकबर खान, रमेश देवांगन रवेलीडीह बोड़ेगांव, सुभाष ताम्रकार, कार्तिक देवांगन, अशोक शर्मा, अरविंद नेताम, संजय ताम्रकार, सूरज साहू, संदीप यादव, कंडरका से अभिषेक वर्मा, पार्षद आशीष वर्मा, सिद्धार्थ चंद्राकर, दीप सारस्वत, रघुवर साहू, शंकर साहू, नीलकंठ वर्मा, अहेरी हेमलाल धनकर, अहेरी टीकम यादव टेमरी सहित सैकड़ों किसान उपस्थित थे।