दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 4 अगस्त। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय तितुरडीह दुर्ग में महान साहित्यकार प्रेमचंद के जन्म दिवस पर उनके साहित्यिक योगदान पर आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम वरिष्ठ व्याख्याता चरणजीत भुल्लर द्वारा प्रेमचंद के चित्र पर मल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन किया गया। विद्यालय की व्याख्याता कनकलता वैद्य ने प्रेमचंद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रेमचंद ही साहित्य को तिलस्मी कहानियों से यथार्थ की जमीन पर लाया, जन-साधारण के दुखोंएसमस्याओं को अपनी कहानियों में प्रकट किया। उनका साहित्य नयी रौशनी देने वाला है।
व्याख्याता मधुबाला कसार ने प्रेमचंद की कहानी बड़े भाई साहब का सार्थक पाठ और विश्लेषण प्रस्तुत किया। इस कहानी से छात्रों को बाल मनोविज्ञान की जानकारी दी।
व्याख्याता कैलाश बनवासी ने प्रेमचंद के जीवन और साहित्यिक यात्रा का विस्तार से परिचय देते हुए उन्हें देश के जागरण का अग्रदूत बताया। प्रेमचंद ने न केवल अपने कथा साहित्य से वरन पत्रकारिता से भी देश में व्याप्त विभिन्न विसंगतियों जैसे अंग्रेजों और महाजनों द्वारा किसानों के शोषण,छुआछूत, विधवा जीवन,पश्चिमी जीवनशैली के अन्धानुकरण आदि समस्याओं पर कलम चलाकर देश की जनता को विचारशील और स्वाभिमानी बनाया। बनवासी ने प्रेमचंद की कहानी सद्गति पर में महान फिल्मकार सत्यजीत रे के छत्तीसगढ़ के कलाकारों को लेकर बनायी गयी फिल्म सद्गति को भी याद किया। साथ ही प्रेमचंद की कहानी -पंच परमेश्वर और ईदगाह का सार बताकर इसमें निहित मूल्यों और आदर्शों को बताया।
शाला के विद्यार्थी तान्या रात्रे, ताम्रध्वज साहू, कुणाल ने भी प्रेमचंद के जीवन और साहित्य पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम का कुशल संचालन व्याख्याता हेमलता साहू ने किया।
इस अवसर पर व्याख्याता जितिंदर लाम्बा, सुरेश कुमार, राजेश मारू, गीता पिल्लई, संगीता गायकवाड, उज्ज्वला भोंदले और शिक्षक हितेश कुमार, राम मिलन, उर्वशा और विवेक राजपूत सहित विद्यालय के छात्रगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।