बलौदा बाजार
ऑनलाइन छुट्टी व्यवस्था का शिक्षकों ने किया विरोध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 6 अगस्त। स्कूल शिक्षा विभाग में डिजिटालइजेशन की तरफ एक कदम और बढ़ते हुए शिक्षकों के अवकाश की ऑनलाइन एंट्री करने का निर्णय लिया है। इधर, इस आदेश के बाद बहुत शिक्षकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
इस आदेश को शिक्षक इस सरकार का तुगलकी फरमान बता रहे हैं। सबसे ज्यादा असंतोष वहां है, जहां नेटवर्क ही नहीं है। ऐसे दूर दराज के गांव में रहने वाले शिक्षकों का कहना है कि गांव में तो कई कई दिनों तक नेटवर्क नहीं रहता। ऐसे में यह व्यवस्था एक नई मुसीबत बनकर आयी है। प्रदेश सहित जिले के शिक्षक विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप में जैसा विरोध जाता रहे हैं, उससे यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर एक और आंदोलन हो सकता है।
12 को स्कूलों में शुरू होगी नई व्यवस्था
शिक्षा विभाग ने 3 जून को पत्र जारी कर प्रदेश के सभी डीडीओ को निर्देशित किया गया है कि वे सर्विस बुक और उन अभिलेखों का अवलोकन कर शिक्षकों के अवकाश की एंट्री विभागीय पोर्टल में करें ताकि विभाग को अब जानकारी हो सके कि किसी शिक्षक के पास कितनी छुट्टियां है और भविष्य में शिक्षकों द्वारा ली जाने वाली छुट्टियां भी इसी वेबसाइट में सुनिश्चित होगी।
आदेश के अनुसार 1 अगस्त से सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय और 12 अगस्त से समस्त शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यालय में अवकाश प्राप्ति स्वीकृत की प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही की जाएगी। इसके बाद ऑफलाइन किया गया आवेदन स्वमेव निरस्त माना जाएगा। ऑफलाइन माध्यम से अवकाश स्वीकृत करने पर कार्रवाई की जाएगी।
विभाग को लैब बना दिया- फेडरेशन
राजधानी में हुई बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक समग्र शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारी की बैठक में यह मामला जोर-शोर से उठा। बैठक में मौजूद फेडरेशन के अध्यक्ष मनीष मिश्रा, कौशल अवस्थी, कौशिक, सीडी भट्ट, राजू टंडन, ईश्वर चंद्राकर ने कहा कि योजना पहले किसी छोटे विभाग में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की जानी चाहिए थी। इसमें सामने आ रही समस्या और चुनौतियां से निपटा जाता और तकनीकी खामियों को दूर किया जाता, तो बेहतर होता।
पारदर्शिता के लिए उठाया गया कदम
जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय का कहना है कि स्कूलों में निरीक्षण करने जाने पर पता चलता है कि अमुक शिक्षक अवकाश पर है। कई बार ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया में कुछ शिक्षकों द्वारा इसका दुरुपयोग किए जाने की भी शिकायतें आ चुकी हैं। शिक्षकों को भी अवकाश की जरूरत होती है, ऐसे में उन्हें यह भी पता नहीं रहता कि उनके कितने आकस्मिक अवकाश बाकी है। नई व्यवस्था से उन्हें अपने सीएल की भी जानकारी मिल जाएगी। पारदर्शिता लाने का यह निर्णय सार्थक साबित होगा।