बस्तर
8 हमलावरों से लड़ बेटी ने बचाई थी जान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 8 अगस्त। नारायणपुर के झारागांव में रहने वाले सोमधर कोर्राम पर कुछ अज्ञात हमलावरों ने 5 अगस्त की रात कुल्हाड़ी मारकर घायल कर दिया था। इस दौरान घर में मौजूद बेटी ने हमलावरों से बिना डरे उनका सामना करने के साथ ही पिता की जान बचाई और आसपास के लोगों की मदद से घायल पिता को अस्पताल ले गई, जहाँ से उसकी स्थिति को देखते हुए मेकाज रेफर किया गया, 3 दिनों तक चले उपचार के बाद घायल ग्रामीण की हालत को देखते हुए गुरुवार को उसे बेहतर उपचार के लिए रायपुर भेज दिया गया।
मेकाज के डॉक्टरों ने बताया कि घायल सोमधर कोर्राम के छाती में कुल्हाड़ी लगने के बाद घाव बन गया है, चूंकि यहां दूरबीन पद्धति नहीं होने के साथ ही पर्याप्त उपकरणों की कमी के चलते उसे रायपुर के मेकाहारा हॉस्पिटल रेफर किया जा रहा है। रायपुर जाने के बाद वहां पर इनके पिता का ऑपरेशन होने के साथ ही अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हो जाएगी, जिसके कारण पिता को बेहतर इलाज मिल सकता है।
नर्स बनना चाहती है सुशीला
घायल ग्रामीण सोमधर कोर्राम की 17 वर्षीय बेटी 8वीं तक पढ़ी है, लेकिन स्थिति ठीक नहीं होने के कारण पढ़ाई छोड़ दी है, लेकिन सुशीला का कहना है कि अगर आने वाले समय में उसे पढ़ाया जाता है तो वह आगे चलकर एक स्टाफ नर्स बनना चाहती हैं, जिससे कि वह बस्तर अंचल के ग्रामीणों की सेवा कर सके।
आगे पढऩा चाहती है
बहादुर बेटी के नाम से फेमस सुशीला ने बताया कि उसके रिश्तेदारों से लेकर दोस्त व समाचार के माध्यम से उसे पता चला कि उसकी बहादुरी के चलते राज्यपाल रमेन डेका ने उसकी बहादुरी का सम्मान करने की बात कही है। अगर उसे बुलाया जाता है तो वह राज्यपाल से आगे की पढ़ाई करने का अनुरोध करने की इच्छा जताने की बात कही है।
ज्ञात हो कि 5 अगस्त को 4 मोटरसाइकिल में 8 नकाबधारी सुशीला के घर झारागांव पहुंचे, जहां उसके पिता के सीने पर कुल्हाड़ी से हमला करते हुए जान से मारने की कोशिश की, लेकिन 8 नकाबधारी को देखने के बाद भी सुशीला ने अपनी हिम्मत नहीं हारी और पिता को हमलावरों से बचाते हुए उसे दूसरे कमरे में छिपाया और हाथ में पकड़े कुल्हाड़ी को छीनकर आरोपियो को भगाने के साथ ही पिता को सुरक्षित हॉस्पिटल भी भिजवाया।