रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 11 अगस्त। वित्त एवं जीएसटी मंत्री ने 3 रजिस्ट्रार निलम्बित कर दिया है । पंजीयन शुल्क में गाइड लाइन का पालन नहीं करने और ग़लत मूल्यांकन के कारण यह कार्रवाई की गई है। मंत्री ओ पी चौधरी ने कहा कि जारी रहेगी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई। दो दिन पहले ही विभाग के विजिलेंस सेल ने रायपुर समेत पांच जिलों के पंजीयन कार्यालयों में जांच कर गड़बड़ी पकड़ी थी। गलत मूल्यांकन सी वजह से सरकार को करीब 1.29 करोड़ का चूना लगा था।
इनमें रायपुर की वरिष्ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा, वरिष्ठ पूर्व उप पंजीयक सुशील देहारी, उप पंजीयक दुर्ग शशिकांता पात्रे को निलम्बित किया है।
महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक से मिली जानकारी के अनुसार सतर्कता प्रकोष्ठ द्वारा रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़ और बेमेतरा जिले के अधिनस्थ पंजीयन कार्यालयों में पंजीबद्ध दस्तावेजों की रेण्डम जांच की गई। जिनमें 18 प्रकरणों में 1.02 करोड़ रूपए की राजस्व हानि पायी गई है। इन प्रकरणों में कम बाजार मूल्य का निर्धारण, इसके अलावा मुख्य मार्ग से लगी हुई एक ही खसरे की भूमि को दो दस्तावेजों के माध्यम से मुख्य मार्ग एवं अन्य मार्ग के दर अनुसार अलग-अगल उप पंजीयकों से पंजीयन कराया जाना पाया गया है।
साथ ही गाइडलाईन के उपबंधों के अनुसार मूल्याकंन नहीं किया गया है। स्टाम्प शुल्क की छूट का प्रमाण पत्र जिस व्यक्ति के नाम से था उसके नाम से दस्तावेज का पंजीयन न किया जाकर अन्य व्यक्ति के नाम से दस्तावेज का पंजीयन किया गया है तथा औद्योगिक संपत्ति का 25 प्रतिशत अधिक मूल्यांकन नहीं किया गया है। स्टाम्प शुल्क छूट का प्रमाण पत्र बैंक के लोन पर प्रभार्य मुद्रांक शुल्क से छूट का था परंतु उस प्रमाण का लाभ भूमि क्रय करने हेतु लिया गया है। स्टाम्प शुल्क छूट निजी भूमि के क्रय पर दिया गया है परंतु औद्योगिक इकाई द्वारा स्टाम्प शुल्क छूट का लाभ भवन, शेड, मशीनरी के लिए लिया गया है।