राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 11 अगस्त। दिगंबर जैन मंदिर गंज लाइन में विराजमान दिगंबर मुनिश्री आगम सागर एवं मुनिश्री पुनीत सागर महाराज का गुरु उपकार दिवस (दीक्षा दिवस) को जैन समाज ने हर्षोल्लास के साथ आचार्य गुरुवर समाधिष्ठ सम्राट 108 श्री विद्यासागर महाराज एवं आचार्य श्रेष्ठ 108श्री समय सागर महाराज की पूजन भक्ति करते मनाया।
दिगंबर जैन समाज के सूर्यकांत जैन ने बताया कि तिथि अनुसार 10 अगस्त को मुनि श्रेष्ठ आगम सागर महाराज एवं पुनीत सागर महाराज का 21वां दीक्षा दिवस है और उन्होंने कहा कि राजनांदगांव में दिगंबर जैन समाज में बहुत सालों बाद किसी मुनि का चातुर्मास होने का सौभाग्य मिला है। जैन समाज को यह सौभाग्य आचार्य श्रेष्ठ समयसागर महाराज के आशीर्वाद से राजनांदगांव को श्रेष्ठ मुनि आगम सागर महाराज मुनिश्री पुनीत सागर महाराज के एवं एलक धैर्य सागर महाराज का पावन वर्षा योग चातुर्मास का लाभ मिला है।
सूर्यकांत जैन ने बताया कि शनिवार सुबह जब मुनिश्री अपने प्रतिक्रमण नृत्य क्रिया आदि करने के पश्चात जैसे ही अपने कक्ष से निकले तो समाज के युवा साथियों ने लखोली नाका एवं गंज चौक एवं जैन मंदिर के सामने गंज लाइन आदि स्थानों पर मंच बनाकर गुरुवर का पाद प्रक्षालन दिगंबर जैन पंचायत के अध्यक्ष अशोक झंझरी, पीसी जैन, सचिव रविकांत जैन, चातुर्मास समिति के अध्यक्ष अनिल बडक़ुल, प्रकाशचंद जैन, शरद जैन, पंकज निक्की जैन, रानू जैन की अगुवाई में आदर्श जैन महिला मंडल, जैन बालिका मंडल एवं जैन श्रमण संघ, नवयुवक मंडल ने किया। साथ ही जैन समाज के सभी घरों में रंगोली सजाई गई एवं समाज के बालिका मंडल द्वारा दीक्षा दिवस पर मनमोहन नृत्य द्वारा दीक्षा के महत्व को प्रदर्शित किया गया। इसके पश्चात आज ही के दिन राजनांदगांव के मूल लायक भगवान 1008 श्री नेमिनाथ का जन्म एवं तप कल्याणक महोत्सव मनाया गया।
इसके पश्चात शाम को भगवान नेमिनाथ एवं आचार्य विद्यासागर महाराज एवं आचार्य समय सागर महाराज की महाआरती, नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आयोजित की गई। इसके पश्चात उपस्थितजनों को मुनिश्री आगम सागर महाराज एवं पुनीत सागर महाराज की दीक्षा को लेकर धर्म प्रभावना के लिए एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म गुरु भक्त चंद्रकांत जैन के सहयोग से बनाई गई।
जिसका प्रस्तुतिकरण जैन धर्म की वैराग्य की महिमा को जन-जन तक पहुंचाने एवं धर्म प्रभावना के लिए किया गया। उक्त संपूर्ण कार्यक्रम एलक धैर्य सागर महाराज के मार्गदर्शन में सानंद संपन्न हुआ।