कवर्धा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कवर्धा, 17 अगस्त। रेस्क्यू टीम ने बोड़ला के कनई नदी में गहन सर्चिंग कर नंदेश्वर का शव बरामद किया।
कलेक्टर जनमेजय महोबे ने जिले के बोड़ला विकासखंड के ग्राम दलदली निवासी नंदेश्वर की लापता होने और कनई नदी में बहने की सूचना प्राप्त होने पर बोड़ला विकासखंड के अनुभागीय अधिकारी (राजस्व) गीता रायस्त को जांच करने के निर्देश दिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम दलदली के कोटवार ने तहसीलदार को श्री नंदेश्वर का 14 अगस्त को शाम 5 बजे से लापता होने की जानकारी दी। तब घर वालों ने कनई नदी में बह जाने की आशंका जताई।
कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम श्रीमती रायस्त ने जिला स्तरीय रेस्क्यू टीम द्वारा गोताखोर दल के प्रमुख दिनेश ठाकुर और स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सर्चिंग की गई। रेस्क्यू टीम के गोताखोर द्वारा कनई नदी में गहन सर्चिंग करने के बाद मृतक का शव बरामद किया गया। मृतक के शव को पोस्टमार्टम किया गया है।
थाना तरेगांव जंगल में मर्ग कायम किया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के पश्चात अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। ज्ञात हो कि कलेक्टर श्री महोबे ने बारिश के दिनों में नदी नालों के समीप गांव में निवास करने वाले लोगों को सतर्क रहने कहा है। कबीरधाम जिले के छोटी-बड़ी प्रमुख 12 नदी-नालों के तट पर बसे 154 ग्रामों को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए चिन्हांकित किया गया है। इन सभी ग्रामों को संभावित बाढ़ से बचान और राहत पहुचाने के लिए 58 राहत शिविरों का चिन्हांकन किया गया है। राहत शिवरों में शासकीय भवन, स्कूल, समाजिक एवं सामुदायिक भवन शामिल है।
प्रमुख नदियों में सकरी नदी के किनारे बसे 39 गांव, फोक नदी के किनारे बसे 18 गांव, हाफ नदी के किनारे बसे 43 गांव, सिल्हाटी नदी के किनारे बसे 6 गांव, तमडू नदी के किनारे 4 गांव, आगर नदी के किनारे बसे 11 गांव, बंजर नदी के किनारे बसे 5 गांव, जमुनिया नदी के किनारे बसे 8 गांव, उडिय़ा नदी के किनारे बसे 5 गांव, सहसपुर नदी के किनारे बसे 6 गांव, बेलहरी नाला के किनारे बसे 3 गांव और कर्रा नाला के किनारे बसे 6 गांव इस तरह से कुल 154 गांवों को संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हांकन किया गया है। राहत शिविर के लिए 58 स्कूल, भवन, सामुदायिक भवनों को चिन्हांकित किया गया।
कलेक्टर श्री महोबे के निर्देश पर जिले के सभी अनुविभागीय अधिकरी, तहसीलदार, जनपद सीईओ द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों के मध्यम जलाशय के उलट एरिया, और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तथा नदी के किनारे बसे संभावित बाढ़ प्रभावित ग्रामों के लिए चिन्हांकित शिविरों के लिए वहां पर्याप्त मात्रा में खाद्य समाग्री, नमक, कोरोसीन, जीवन रक्षक दवाइयां की व्यवस्था की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ प्रभावित एवं पहुंच विहिन क्षेत्रों के लिए डाक्टर्स की दल गठन किया गया है। साथ ही राजस्व लेखा शाखा को आवश्यक तैयारियां की जानकारी अवगत कराने सहित समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में मानूसन के दौरान सर्प एवं अन्य जीवन जन्तू काटने से मृत्यु होने की संभावना को दृष्टिगत रखते हुए सर्प दंश के बचाव के लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की गई है।