कवर्धा
भाजपा के नेताओं व पुलिस प्रशासन की बातचीत के बाद मामला सुलझा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला, 2 सितंबर। अन्नदाताओं के लिए अब क्षेत्र में गोवंश सबसे बड़ी मुसीबत बनती जा रही है खेतों की फसल चौपट हो रही है तो सडक़ों पर आए दिन सडक़ हादसे में मवेशियों की जाने जा रही रही है और क्षेत्र में गौ तस्करी का काम भी चल रहा है। इस प्रकार खेतों सडक़ों गांव और शहरों में मुश्किल बनी मवेशियों को लेकर गांव के बीच में टकराव भी जारी है।
इसी घटनाक्रम में घटे ताजा घटनाक्रम के अनुसार बीती रविवार शाम को 7 से 8 बजे के दरमियान बजरंगदल के कार्यकर्ताओं के द्वारा नगर पंचायत के वार्ड नंबर 5 में स्थित मिलन चौक के बाड़े में 3 400 से 500 की संख्या में मवेशियों को लाकर बाड़े में बंद कर दिया गया जिससे कुछ ही समय में किसान विरोध में जुटने लगे और देर रात तक छुट्टे मवेशियों को बाहर करने के लिए स्थानीय किसानों और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच में झड़प होने लगी जो थाने तक पहुंच गई।
छुट्टे लावारिस पशुओं के आतंक से बोड़ला के किसान परेशान हंै और वे ढंग से खेती बाड़ी भी नहीं कर पा रहे हैं । अचानक सैकड़ों की संख्या में छुट्टे मवेशियों के लाने व यहां बंद करने से किसान नाराज हो गए और उनकी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प होने लगी।
मामला बढ़ते बढ़ते इतना बड़ा कि इसे सुलझाने में रात को दो से तीन बज गए और बड़ी संख्या में थाना में स्थानीय व जिला स्तर की भारतीय जनता पार्टी के नेताओं व पुलिस प्रशासन के बातचीत के बाद मामला सुलझा। थाने के सामने स्थानीय लोगों ने काफी प्रदर्शन किया। मामले में पुलिस के द्वारा स्थानीय प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई भी की गई है जिसका अंदर ही अंदर विरोध भी हो रहा है
घटना के विषय में स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार रविवार शाम को 6 से 7 बजे के दरमियान बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा अचानक वार्ड नंबर 5 में स्थित बाड़े में सैकड़ों मवेशियों को लाकर बन्द किया जा रहा था। इस बारे में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से स्थानीय किसानों ने सवाल जवाब किया तो उनके द्वारा तू तड़ाक में जवाब देने से उनके बीच आपस में ही झड़प होने लगी। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि तस्करी करके इन मवेशियों को पैदल ही जंगलों से होकर मध्यप्रदेश की ओर ले जाया जा रहा है।
नगर के किसानों ने किया विरोध
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा मवेशियों के बाड़े में बंद करने का नगर के किसानों ने जमकर विरोध किया। मवेशियों के चलते अभी क्षेत्र में खेती किसानी कर रहे किसान हलाकान हैं। खेत से नजर हटते ही यह छुट्टे जानवर फसल को चट कर जा रहे हैं इसको लेकर किसान अपनी खेती नहीं कर पा रहे हैं।
आसपास के दर्जनो सेअधिक गांव के किसानों के द्वारा देर रात के अंधेरे में मवेशियों को लाकर नगर के सडक़ में छोड़ दिया जाता है और यही मवेशी बोड़ला नगर व आसपास के गांव में घुसकर फसलों को चट कर रहे हैं, जिनसे किसान काफी परेशान है इसलिए मवेशियों को बाड़े में रखने का विरोध किया गया।
दामापुर क्षेत्र से ला रहे थे मवेशी
बजरंग दल के कार्यकर्ता ने जिन मवेशियों को पकड़ा, उन मवेशियों को कुंडा तहसील के ग्राम अतरिया थाना दामापुर से लाया जा रहा था। इसके लिए बाकायदा अतरिया पंचायत के सरपंच द्वारा पंचनामा 8 लोगों के नाम जारी किया था जो कि मध्यप्रदेश के ।मोतीनाला क्षेत्र के हैं। इसी के चलते बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को मवेशी तस्करी का शक हुआ क्योंकि अक्सर मध्य प्रदेश के मनोरी क्षेत्र से पशु तस्करों के द्वारा पैदल ही मवेशियों की तस्करी की जाती है और यह जानकारी बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को है, इसीलिए उन्होंने मवेशियों को पकड़ कर बोड़ला के बाड़े में बंद कर दिया और मवेशियों को लेकर जाने वालों थाने के सुपुर्द कर दिया।
पुलिस प्रशासन ने किया हस्तक्षेप हस्तक्षेप
पुलिस प्रशासन को इस बात की पहले से ही जानकारी मिल गई थी कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के द्वारा सैकड़ों की संख्या में मवेशियों को लाया जा रहा है इसलिए पुलिस के जवान उनके आने के पहले ही वार्ड नंबर 5 में उपस्थित थे। पुलिस के कारण ही बड़ी घटना घटते-घटते रह गई
लोग बैठ गए थे सडक़ों पर
मवेशियों को नगर पंचायत के बाड़े में रखने को लेकर किसानों में गुस्सा पनपने लगा था। धीरे-धीरे काफी संख्या में किसान मिलन चौक पर पहुंच गए थे और कुछ किसान सडक़ पर विरोध करते सडक़ पर चक्का जाम के लिए बैठ गए थे। उनका कहना साथ था कि मवेशियों को यहां से हटाया जाए नहीं तो वह उनके फसल को चट कर दिया कर देंगे और उसकी जवाबदारी किसकी होगी टी आई राजेश चंड की काफी समझाइस के बाद किसान सडक़ से हटे।
उच्च स्तरीय पहल पर मामला निपटा
जैसे-जैसे रात बढ़ती जा रही थी और समय बढ़ते जा रहा था मामले की गंभीरता बढ़ती जा रही थी जिले में पहले भी इस तरह से कई प्रदर्शन देखने को मिले हैं जो देखते ही देखते बड़ा रूप ले लिया था बड़े-बड़े मामले हुए थे ऐसे में मामले की गंभीरता को समझते हुए भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय और जिला स्तर के छोटे बड़े कार्यकर्ता घटना की सूचना मिलते ही सक्रिय हो गए थे और उनकी दखल से ही और उच्च स्तरीय दखल व सूचना से ही मामला का पटाक्षेप हुआ।
मामला को शांत होते रात को 2 बज गए थे। हुआ यह कि मवेशियों को जहां से लाया गया था वहीं वापस कर दिया गया और सवेरे तक जहां सैकड़ों मवेशी रखे गए थे वहां सवेरे एक भी मवेशी लोगों को देखने को नहीं मिला।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सूझबूझ व दखलंदाजी से मामला का निपटारा हुआ।
प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कार्रवाई
रात को मामले को लेकर स्थानीय लोगों के द्वारा प्रदर्शन की जा रही थी जिस पर पुलिस प्रशासन के द्वारा कार्रवाई किए जाने की जानकारी मिल रही है रात के 9 के बाद थाने के आसपास काफी संख्या में लोग सक्रिय हो गए थे और काफी हो हल्ला मच रहा था, जिससे पुलिस प्रशासन कार्यवाही कर मामला को शांत करने का प्रयास किया गया।