गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 4 सितंबर। जिला मुख्यालय क्लेक्ट्रोरेट के सामने ट्रैक्टर ट्रॉली में पॉलीथिन तानकर पूर्व ग्राम पंचायत कोपरा की पूर्व सरपंच योगेश्वरी साहू 8 माह से निर्माण सामग्री और मजदूरी के लम्बित भुगतान को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बैठ गई।
पूर्व सरपंच का आरोप है कि कार्य पूर्ण होने के आठ महीने बाद भी प्रशासन भुगतान नहीं कर रहा है, जिसके चलते उसे बकायादारों और मजदूरों से मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जब तक भुगतान नहीं होगा वे यहीं भूख हड़ताल में बैठी रहेगी।
पूर्व सरपंच योगेश्वरी साहू ने मीडिया को बताया कि ग्राम पंचायत के समय ग्राम कोपरा में 15वें वित्त आयोग मद एवं अन्य मद की राशि विभिन्न निर्माण कार्य कराए गए है। किंतु ग्राम पंचायत से नगर पंचायत में परिवर्तन होने के कारण निर्माण सामग्री और मजदूरी को भुगतान राशि आज पर्यन्त लंबित होने के कारण यहां के मजदूरों और ठेकेदार में लगातर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। रोजाना सुबह शाम ये लोग मेरे घर आकर मुझे भुगतान के लिए परेशान करते है, भला बुरा कहते है। मेरे द्वारा लगातार नगर पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से लिखित और मौखिक निवेदन किया गया, चर्चा की गई लेकिन वे गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे है। मेरे कार्यकाल का नहीं है कहते हुए सीधे रूप से पल्ला झाड़ दे रहे है।
उन्होंने बताया कि नगर पंचायत कोपरा बनने के बाद भी विभिन्न मद से स्वीकृत कार्य आज भी जारी है। नगर पंचायत कोपरा के तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी आशीष तिवारी ने ही निर्माणाधीन कार्यों को चालू रखने का आदेश किया था। उसका भी भुगतान अटका हुआ है। भुगतान को लेकर सीएमओ कोई जवाब नहीं दे रहे है, जब कि भुगतान नहीं होने से ठेकदारों और गरीब मजदूरों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
पूर्व सरपंच योगेश्वरी साहू ने बताया कि कोपरा के ग्राम पंचायत से नगर पंचायत बनते ही जिला पंचायत सीईओ और जनपद सीईओ ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सरपंच सचिव चेक से किसी प्रकार के हस्ताक्षर नहीं करेंगे न ही राशि आहरण करेंगे। जिसके चलते तत्कालीन समय में भुगतान नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने कई बार शासन प्रशासन स्तर में भुगतान की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई। इससे क्षुब्ध और बकायादारों के कारण होने वाली मानसिक परेशानी के चलते वे आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर है। जब तक भुगतान नहीं होगा भूख हड़ताल में बैठे रहेंगे।