बलौदा बाजार

स्वास्थ्य-पीएचई के संयुक्त प्रयास से की जा रही फ्लोरोसिस की रोकथाम
08-Sep-2024 3:46 PM
स्वास्थ्य-पीएचई के संयुक्त प्रयास से  की जा रही फ्लोरोसिस की रोकथाम

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 8 सितंबर।
पेयजल स्रोतों में फ्लोराइड की अधिकता से होने वाले फ्लोरोसिस रोग को लेकर राज्य शासन से प्राप्त निर्देशों के अनुरूप कार्य करने के निर्देश सम्बंधित विभागों जैसे लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, स्वास्थ्य को दिए हैं जिससे जिले में फ्लोराइड के क्षेत्रों की पहचान कर उससे संबंधित उपाय किये जा सकें।

कलेक्टर ने दोनों ही विभागों को निर्देश दिए हैं कि भारतीय मानक ब्यूरो के नियमानुसार फ्लोराइड की वांछनीय मात्रा 1 पीपीएम (1 मिलीग्राम प्रति लीटर) निर्धारित है। एफ टी के परीक्षण में यदि ग्रामीण क्षेत्रों के पेयजल स्रोतों में यह 1.5 मिग्रा प्रति लीटर स्वीकार्यता सीमा से अधिक है तो से क्षेत्र के समस्त पेयजल स्रोतों का पुष्टिकारक परीक्षण किया जाए।  परिणाम सकारात्मक आने पर इन स्रोतों को कैप से बन्द कर लाल रंग की दो पट्टियां बनवा कर ,पेयजल उपयोग नहीं किये जाने की जानकारी डिस्प्ले करें। उन्होंने हर गांव के पेयजल स्रोतों के जाँच हेतु कहा है। इस रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग संबंधित गाँव मे सेहत को लेकर आवश्यक प्रचार-प्रसार,जाँच कैम्प का आयोजन करें। आवश्यकता का आँकलन कर के गाँव मे फ्लोराइड रिमूवल प्लांट भी लगाया जाए।

इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार अवस्थी ने कहा कि,फ्लोरोसिस एक सार्वजनिक लोक स्वास्थ्य समस्या है जो लंबे समय तक पीने के पानी ,खाद्य उत्पादों ,और औद्योगिक उत्सर्जन से ज्यादा मात्रा में फ्लोराइड शरीर में जाने पर होता है। इसके कुप्रभाव से हड्डियां टेढ़ी-मेढ़ी हो जाती हैं तथा दाँत भी विकृत होते हैं। ज्यादातर मामलों में इसके पीछे अधिक फ्लोराइड युक्त पेयजल कारण होता है। घुटनों के आसपास सूजन, झुकने या बैठने में परेशानी, जोड़ों में दर्द,दांतों में अधिक पीलापन, हाथ और पैर का आगे या पीछे की ओर मुड़ जाना, पेट भारी रहना फ्लोरोसिस के कुछ मुख्य लक्षण हैं। 

जिला कार्यक्रम प्रबंधक सृष्टि मिश्रा के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसके लिए जागरुकता की गतिविधि संपादित की जा रही हैं। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का हिसाब से आवश्यक जाँच, दवाइयां और परामर्श भी दिया जा रहा है। जाँच के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम-चिरायु के साथ-साथ दंत चिकित्सको को निर्देशित किया गया है। 

वर्तमान में राज्य बजट से प्रदेश के बलौदाबाजार,गरियाबंद, सूरजपुर,सरगुजा,बलरामपुर,धमतरी,बस्तर में फ्लोरोसिस नियंत्रण कार्यक्रम चल रहा है।जबकि केंद्र के सहयोग से उक्त के अतिरिक्त 7 अन्य जिलों में राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम जारी है।
 

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