रायपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 सितंबर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भारतीय संसद पर हमले के दोषी अफजल को दी गई फाँसी की सजा को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला की उस टिप्पणी को घोर राष्ट्रविरोधी, अलगाववादी और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, जिसमें अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर उनकी राय ली जाती (यानी अगर उनकी चलती) तो वह फाँसी के लिए मना कर देते।
अफजल को लेकर दिया गया यह बयान नेशनल कॉन्फ्रेंस और अब्दुल्ला के इरादों और नीयत को साफ कर देते हैं। श्री साव ने सवाल दागा कि ऐसा कहकर अब्दुल्ला ने क्या साबित करने की चेष्टा की है? अगर भारत के खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों को फाँसी दी गई है तो अब्दुल्ला को क्यों तकलीफ हो रही है? और, नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ रही कांग्रेस, जिसके नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के कार्यकाल में सन 2013 में फाँसी दी गई थी, इस पर खामोश क्यों है? क्या कांग्रेस इस राय से इत्तेफाक रखती है?
श्री साव ने कहा कि संसद पर जिस आतंकवादी ने हमला किया और देश के लोकतंत्र को तबाह करने का षड्यंत्रपूर्वक दुस्साहस किया, देश के कई जनप्रतिनिधियों को मार डालने का षड्यंत्र किया, देश की अस्मिता को चोट पहुँचाई, ऐसे आतंकवादी को उमर अब्दुल्ला अगर उनकी चलती तो फाँसी देने नहीं देते! ऐसे देश विरोधी, राष्ट्र विरोधी आतंकवादी समर्थक उमर अब्दुल्ला के साथ कांग्रेस गठबंधन करके जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ रही है।