राजनांदगांव
अमित शाह ने मार्च तक पुलिस को नक्सलियों के खात्मे का दिया लक्ष्य
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 सितंबर। महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ (एमएमसी) जोन में सक्रिय नक्सलियों की अब खैर नहीं है। पुलिस को केंद्र ने एमएमसी जोन के नक्सलियों के सफाए के लिए अगले साल मार्च 2025 तक की मोहलत दी है। पुलिस को मिले टॉस्क के बाद छत्तीसगढ़ की पुलिस समेत महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में सुरक्षाबलों ने एमएमसी जोन के जंगलों में संयुक्त अभियान को तेज कर दिया है।
पिछले दिनों रायपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नक्सल प्रभावित राज्यों के डीजीपी को सीमावर्ती इलाकों में सख्ती के साथ अभियान शुरू करने के निर्देश दिए। साथ ही अलग-अलग इलाकों के भौगोलिक परिस्थितियों के मद्देनजर एक समय-सीमा भी तय कर दी। एमएमसी जोन के लिए केंद्रीय गृहमंत्रीने मार्च 2025 तक नक्सलियों को घेरने और उनके ठिकानों को नेस्तनाबूत करने के निर्देश दिए हैं।
बताया जा रहा है कि राजनांदगांव रेंज के प्रमुख जिले खैरागढ़ और कवर्धा एमएमसी जोन के हिस्से हैंं। सीमावर्ती महाराष्ट्र का गोंदिया और मध्यप्रदेश के बालाघाट और मंडला भी एमएमसी जोन के अधीन है।
नक्सलियों ने विस्तार नीति के तहत एमएमसी जोन का गठन किया था। नक्सलियों का लक्ष्य रहा है कि इस इलाके को लाल गलियारे का एक बड़ा क्षेत्र बनाया जाए। नक्सलियों का इस क्षेत्र में प्रभाव बरकरार है।
हालांकि पिछले 5 साल के भीतर नक्सलियों को एमएमसी जोन में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। कई बड़े टॉप लीडर पुलिस के हाथों में मारे गए हैं। लगातार पुलिस के हाथों हो रहे नुकसान के चलते कई नक्सलियों ने दलम छोडक़र गांव का रास्ता चुन लिया है। पुलिस एमएमसी जोन में लगातार नक्सलियों की ताकत को कमजोर करने के अभियान जुटी हुई है।
एक जानकारी के मुताबिक एमएमसी जोन में गोंदिया से लेकर मंडला तक अब भी कई बड़े हार्डकोर नक्सली लाल लड़ाके की हैसियत से पुलिस को चुनौती दे रहे हैं। बालाघाट पुलिस ने पिछले 5 साल में नक्सलियों के बड़े कैडरों को मार गिराया है। राजनांदगांव रेंज की तुलना में बालाघाट पुलिस के हाथों नक्सली ज्यादा मारे गए हैं।
बताया जा रहा है कि गृहमंत्री ने एक टाईम लिमिट लक्ष्य देकर पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ अभियान में ढील नहीं बरतने का स्पष्ट इरादा जाहिर किया है। मार्च 2025 तक पुलिस का दावा है कि एमएमसी जोन के बड़े नक्सलियों को या तो ढेर कर दिया जाएगा या हथियार छोडऩे के लिए मजबूत किया जाएगा।
एमएमसी जोन में आधा दर्जन से ज्यादा दलम सक्रिय हैं। जिसमें बस्तर के नक्सलियों की तादाद ज्यादा है। पुलिस ने अभियान को लेकर एक खाका तैयार कर लिया है।