बलौदा बाजार
सडक़ें सकरी होने से परेशानी बढ़ती जा रही
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 10 सितंबर। शहर की सडक़ों पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। इससे सडक़ें सकरी हो रही है। फुटपाथ पर छोटे व्यापारियों का कब्जा तेजी से हो रहा है। मुख्य मार्ग में हाल ही में पौने दो करोड़ से बने पाथवे पर अतिक्रमण कार्यों ने कब्जा कर लिया है। इसकी एक बड़ी वजह यह भी सामने आ रही है, ऐसे दुकानदार और मकान मालिक जिनकी दुकान या मकान सडक़ किनारे है। वह अपनी दुकान व मकान के सामने दुकान लगाने के लिए फुटपाथ को ही किराए पर दे दिए हैं, जबकि यह सरकारी प्रॉपर्टी है।
बताया जाता है कि फुटपाथ को किराए पर देने का खेल भीतर ही भीतर चल रहा है, वहीं पालिका का वह अमला जो सडक़ों पर से अतिक्रमण हटाता है, केवल खानापूर्ति करता है। वहीं कुछ नगर पालिका कर्मी की फुटपाथ व्यापारियों से अवैध रूप से पैसे लेकर दुकान लगाने दे देते हैं।
इधर, सडक़ें सकरी होने से लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है। मुख्य मार्ग का हाल यह है कि इस पर गाडिय़ां चलती नहीं बल्कि रेंगती है। लोगों को भी जान हथेली पर लेकर बीच सडक़ पर ही चलना पड़ता है।
पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार साल के बीते 8 महीनों में ही 2 किलोमीटर के मुख्य मार्ग से 30 से 40 दुर्घटनाएं हो चुकी है। इन दुर्घटनाओं में अधिकतर पैदल चलने वाले मुसाफिर थे।
विहिप का आरोप -महीना वसूल रहे हैं
जिला विहिप जिला अध्यक्ष अभिषेक तिवारी ने कहा कि सरकार बदलने पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की थी। तब बलौदाबाजार जिले में भी अतिक्रमण हटाने की मांग विश्व हिंदू परिषद ने की थी। अतिक्रमण कार्यों ने कुछ फुटपाथ कार्रवाई की मकान व दुकान मालिक व नगर पालिका कर्मचारी महिना वसूल रहे हैं।
कार्रवाई करेंगे-अध्यक्ष
नगर पालिका व मुख्य नगर पालिका अधिकारी खिरौद्र भोई ने कहा कि समस्या गंभीर है। पहले हिदायत देंगे उसके बाद कार्रवाई के लिए यातायात व पुलिस विभाग के साथ नगर पालिका की संयुक्त टीम बनाकर अतिक्रमण हटाएंगे।
अतिक्रमण के कारण पाथवे नहीं दिखता
चालान वसूली के लिए सडक़ों पर नजर बनाए रखने वाली यातायात पुलिस को अपने थाने के सामने ही सडक़ के किनारे कपड़ा दुकानों के कतारो में तने तंबू नजर नहीं आते। यातायात थाने से बस स्टैंड तक की सडक़ के फुटपाथ पर ऐसा अतिक्रमण है कि कहीं पर भी पाथवे नजर नहीं आता।
पहले अंबेडकर चौक से शुरू होने वाले मुख्य मार्ग में प्रवेश करते ही यहां बेसिक स्कूल तक सडक़ के किनारों पर आइसक्रीम गुपचुप फल के वाहन ठेले स्थाई रूप से खड़े रहते हैं। जनता परेशान होती रहती है। इस मार्ग के कई मकान मालिक मालामाल हो रहे हैं। वे अपने मकान के सामने ठेले और आइसक्रीम की गाडिय़ां लगाने वालों को मोटा किराया वसूल रहे हैं।
दूसरा दशहरा मैदान नगर का हृदय स्थल यहां से पैदल गुजरने वाली महिलाएं नाक पर कपड़ा बांधकर निकलती है। वजह बिरियानी सेंटर से सजे धजे ठेलों से राहगीरों पर मसाले की चौक छिडक़ती रहती है। एक फुटपाथ व्यवसायी ने नाम ना छापने के अनुरोध पर बताया कि पालिका के कर्मचारी आते हैं। कुछ पैसे लेकर चले जाते हैं। हमें दुकान लगाने देते हैं।
तीसरा बस स्टैंड से लगा एफसीआई का गोदाम यहां मुख्य मार्ग के किनारे घंटे ट्रक खड़े मिलेंगे। यहां हर 5 से 10 मिनट में यहा के बस स्टैंड से बेसे दोनों दिशाओं के लिए निकलती है। यहां भी इसी वजह से जाम रहता है। शहर का सबसे बड़ा शासकीय कन्या स्कूल भी यही है। स्कूल की छुट्टी के दौरान यहां मुश्किलें और भी बढ़ जाती है, पर यातायात पुलिस का यहां एक भी जवान तैनात नहीं रहता।
चौथा सहकारी बैंक के सामने सडक़ के ऊपर पार्क पर बैंक की कटारे हैं। इसके पास अपनी कोई स्थाई पार्किंग नहीं है। इसकी वजह से यहां आने वाले ग्राहकों के वाहनों की कतारे सडक़ों पर लगी रहती है।