दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 12 सितंबर। आपसी विवाद बढऩे पर आरोपियों ने एक युवक पर चाकू से प्राण घातक हमला किया। इससे युवक को गंभीर चोटे आई और उसे तुरंत जिला अस्पताल मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले जाया जा रहा था। इसी दौरान जिला न्यायालय के सामने एंबुलेंस मिलने से घायल को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया वहां से हायर ट्रीटमेंट के लिए उसे एस आर हॉस्पिटल चिखली ले जाया गया,जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। एसीसीयू की टीम एवं कोतवाली पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना के चार घंटे के भीतर ही दो से अधिक संदेहियों को पकडक़र पूछताछ में लिया। आरोपियों के खिलाफ धारा 3 (5), 351 (2), 109, 296 के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
थाना प्रभारी विजय यादव ने बताया कि आरोपी मोनू श्रीवास्तव, सोनू श्रीवास्तव निवासी मिलपारा गंजपारा एवं मृतक शंकर यादव 27 वर्ष निवासी कवर पारा गंजपारा वार्ड नंबर 37 के बीच पूर्व से विवाद चल रहा था। पुरानी बात को लेकर मंगलवार को देर रात मिलपारा में दोनों के बीच फिर से विवाद हो गया। इस पर आरोपी मोनू श्रीवास्तव ने अपने भाई सोनू श्रीवास्तव के साथ मिलकर शंकर यादव पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिया। इससे शंकर के पेट, सीना आदि में गंभीर चोटे आई । घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी वहां से भाग निकले थे। जानकारी मिलते ही मौके पर कोतवाली पुलिस पहुंची और शंकर यादव को अस्पताल ले गई, जहां इलाज के दौरान शंकर यादव की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक शंकर यादव प्राइवेट ड्राइवरी का काम करता था। इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी मोनू श्रीवास्तव, सोनू श्रीवास्तव एवं अन्य हिरासत में लेकर पूछताछ में लिया है। शंकर यादव की बहन प्रार्थिया गंगा यादव ने बताया कि पूर्व में रक्षाबंधन के दिन भी आरोपियों ने उसके भाई शंकर यादव के साथ विवाद कर लड़ाई झगड़ा किए थे।
10 सितंबर को वह खाना खाकर घर के पास ही अपनी बहन बेटी धनेश्वरी यादव के घर गई हुई थी। रात लगभग 10.50 बजे चिल्लाने की आवाज सुनी तो मकान के छत से देखी कि उसके भाई शंकर यादव को मोहल्ले का मोनू श्रीवास्तव एवं सोनू श्रीवास्तव दोनों भाई गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए धारदार चाकू लेकर दौड़ा रहे थे। दोनों भाई ने मोनू के घर के पास उसके भाई को दबोच लिए। इसके बाद हाथ में रखे धारदार चाकू से शंकर यादव के शरीर पर लगातार वार कर दिया। यह देख प्रार्थिया परिवार सहित दौड़ते हुए वहां पहुंची तो आरोपी वहां से भाग निकले थे। खून से लथपथ पड़े शंकर यादव को अस्पताल ले जाया गया था।