दुर्ग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 17 सितंबर। कृषि विभाग अंतर्गत किसानों की आर्थिक दशा सुधारने में योगदान देने वाले आत्मा (एक्सटेंशन रिफाम्र्स) योजना के कर्मचारी खुद बदहाली में जीवन व्यतीत करने विवश है। आत्मा योजना के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़े हुए उन्हें 5 माह से वेतन नहीं मिला है। 12-13 से नियमितिकरण की आस में सेवा दे रहे इन कर्मचारियों का नियमितिकरण तो दूर अब वेतन कब मिलेगा इसका ही भरोसा नहीं रहता।
वर्ष 2005-06 से प्रदेश में चल रही योजना के तहत कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि कृषि विभाग लगातार किसानों की आर्थिक दशा सुधारने एवं आय दोगुनी करने हेतु दिन रात प्रयास कर रहा है, जिसके बदौलत छत्तीसगढ़ को लगातार कई बार राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार से नवाजा गया है। विभाग के इन उपलब्धियां में उन संविदा कर्मचारियों का भी बराबर योगदान होता है जिन्हें विभाग कई बार नजरअंदाज कर देता है आत्मा वो योजना है जिसमें किसानों को उन्नत खेती की तकनीकी जानकारी, कृषक वैज्ञानिक परिचर्चा, राज्यों के अन्दर एव बाहर प्रशीक्षण ,शैक्षनिक भ्रमण, फॉर्म स्कूल, कौशल विकास, समूह गठन, एफपीओ निर्माण, और बृहद पैमाने पर सरकार द्वारा किसान मेला किया जाता है जिसमें हजारों किसानों को लाभ मिलता है इसका पूरा आयोजन आत्मा योजना अंतगर्त किया जाता है।
जिले में योजना के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारी विभोर अग्रवाल का कहना है कि एक्सटेंशन रिफाम्र्स योजनान्तर्गत विकासखंडों एवं जिला कार्यालय में कार्यरत संविदा कर्मचारियों का वेतन भुगतान अप्रैल 2024 से लंबित है एवं पिछले 5 वर्षों से आत्मा योजना में प्रति माह वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है, भुगतान 3 से 4 महीने में 1 बार किया जाता है, परन्तु वह भी पूर्ण रूप से प्रति माह का वेतन प्राप्त नहीं होता जिससे योजना के तहत कार्यरत कर्मचारियों को आर्थिक एवं मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उनका परिवार वेतन पर ही आश्रित है, वेतन नहीं मिलने के कारण घर का किराया, बच्चों के पढ़ाई की फीस, राशन, चिकित्सा हेतु आवश्यक दवाएं, परिक्षेत्र भ्रमण हेतु पेट्रोल का खर्च आदि की व्यवस्था करने में वे असमर्थ हो चुके है। मजबूरी में इधर उधर से ब्याज में पैसे लेकर काम चला रहे हैं अब तो उनकी उम्र भी निकल चुकी ऐसे में अब वे कहां जाएं वहीं संविदा कर्मचारियों को कोई अन्य सुविधा भी नहीं मिलती है।