बालोद

सरपंच संघ ने माइंस की गाडिय़ों को रोका, अफसरों के आश्वासन माने
25-Sep-2024 3:21 PM
सरपंच संघ ने माइंस की गाडिय़ों को रोका, अफसरों के आश्वासन माने

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दल्लीराजहरा, 25 सितंबर । राजहरा से डौंडी मुख्यालय जाने वाले मार्ग पर सरपंच संघ डौंडी के द्वारा छ: सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन एवं चक्काजाम किया गया और बीएसपी एवं जिला प्रबंधन की कार्यप्रणाली को लेकर जमकर नारेबाजी की गई।

रविवार सुबह लगभग आठ बजे से सरपंच संघ के पदाधिकारियों के द्वारा सडक़ पर पंडाल लगाकर महामाया माइंस जाने वाले एवं मुख्य मार्ग पर आवागमन को बाधित कर दिया गया, जिसके बाद शासन-प्रशासन के अधिकारियों द्वारा आंदोलनकारियों से चर्चा कर मालवाहक वाहनों सहित बीएसपी की गाडिय़ों को छोड़ आम राहगीरों के लिए रास्ते को खोला गया। लगभग छह घंटे तक चले इस धरना प्रदर्शन एवं चक्काजाम के बाद बीएसपी प्रबंधन एवं स्थानीय प्रशासन के द्वारा सरपंच संघ की मांगों के संबंध में लिखित आश्वासन देने के पश्चात आंदोलन खत्म किया गया।

छह सूत्रीय मांग सभी 62 पंचायतों को सीएसआर मद से विकास कार्यों हेतु सीधे ग्राम पंचायत के कार्ययोजना के हिसाब से 50 लाख रुपये की राशि, शिक्षा पेयजल एवं स्वास्थ्य सुविधाओं हेतु प्रतिवर्ष डीएमएफ मद अंतर्गत सभी ग्राम पंचायतों को 50 लाख की राशि, लाल पानी प्रभावित किसानों को छतिपूर्ति की राशि,सभी ग्राम पंचायत में शिक्षा व्यवस्था हेतू सीएसआर मद से स्मार्ट बोर्ड, खनन पर प्रभावित क्षेत्रों की सडक़ों का संधारण, खनन प्रभावित क्षेत्र में निवासरत लोगों को बीएसपी माइंस में नौकरी।

ज्ञात हो कि जिले के खनन प्रभावित क्षेत्र में बीएसपी एवं जिला प्रबंधन के द्वारा डीएमएफ और सीएसआर मद से आवश्यक और ग्रामीणों की मांगों को दरकिनार कर ऊलजलूल कार्यों को किए जाने को लेकर सरपंच खासे नाराज दिखाई दिए। सरपंचों ने संयुक्त रूप से कहा कि उनके खनन प्रभावित क्षेत्र के रॉयल्टी के पैसे से अन्य ब्लॉक सहित अन्य जिलों में कार्य करवाया जाता आ रहा है। जिला प्रशासन द्वारा कार्यों को स्वीकृत करने के साथ साथ अपने चहेते ठेकेदारों को काम देने हेतु हम निर्माण एजेंसियों पर दबाव बनाया जाता है जो कि अनुचित है। जबकि राशि को पंचायत खातों में देकर उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से खर्च करने की आजादी होनी चाहिये। जिला स्तर ठेकेदारो द्वारा अनावशयक वस्तुओ की आपूर्ति कर दी जाती है जिससे शासन की निधि का बंदरबाट होता है। इस आंदोलन में सरपंच संघ अध्यक्ष देवेंद्र सिंद्रामे सहित सरपंच गणेश सेवता, भीखम भुआर्य, तुलसी मरकाम, शिवराम सिंद्रामे, रामकिशुन कोरेटी, लीलेश रावटे, चंद्रलेखा पायला, ममता मंडावी, ईश्वरी गोरों, बसंती ठाकुर एवं अन्य सरपंचगणों सहित सैकड़ों ग्रामवासी भी उपस्थित रहे।

वहीं बीएसपी प्रबंधन के अधिकारियो सहित एसडीएम आरके सोनकर, तहसीलदार एचआर नायक, सीएसपी हरीश बागड़े, थाना प्रभारी मुकेश सिंह, सुनील तिर्की सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा।

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