महासमुन्द
महासमुंद, 25 सितंबर। जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. रश्मि चंद्राकर ने जारी विज्ञप्ति में कहा कि करणी कृपा पावर प्लांट मौत की फैक्ट्री बन गया है और इससे भी बड़ा दुर्भाग्य यह है कि शासन-प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस प्लांट में महज तीन महीने के भीतर तीन बड़ी घटनाओं में कम से कम 9 लोग बुरी तरह हताहत हुए हैं, जिनमें से 3 लोगों की मौत हो गई है। घटनाओं और मौतों के आंकड़े कहीं ज्यादा भी हो सकते हैं।
आगे कहा कि घटनाएं होती रहीं, मौतें होती रहीं, इन घटनाओं और मौतों को दबाया जाता रहा, बिना पोस्टमार्टम लाशों के अंतिम संस्कार भी हो गए, सारे क्रियाकर्म हो गए, लेकिन हैरानी की बात है कि प्लांट से महज महज 14 किमी दूर जिला मुख्यालय महासमुंद में बैठे प्रशासन के अधिकारियों को कुछ पता ही नहीं चला, और तो और प्लांट से मात्र 4 किमी दूरी पर स्थित तुमगांव थाना को भी भनक नहीं लगी। यह पुलिस और प्रशासन की बड़ी नाकामी है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी अकर्मण्य हो गए हैं। इस करणी कृपा प्लांट में गंभीर रूप से झुलसकर भोरिंग गांव के जिस मजदूर भाई खिलेश्वर साहू की मृत्यु हुई, उसके घर पहुंचकर भाजपा के सांसद और विधायक ने संवेदना जताई, यह अच्छी बात है, लेकिन उन्हें सवाल अपनी पुलिस, अपने प्रशासन और अपनी सरकार से पूछना चाहिए।
इस प्लांट में क्या हो रहा है? 26 जून, 8 सितंबर, 21 सितंबर को जो कुछ घटनाएं हुईं उसकी जानकारी महासमुंद पुलिस और प्रशासन को थी या नहीं? अगर नहीं थी तो क्यों नहीं थी? और जानकारी थी तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? प्लांट में नियम कायदों को ताक पर रखा जा रहा है, सुरक्षा मानकों का ध्यान नहीं रखा जा रहा है तो यह सब देखने की जिम्मेदारी किसकी है? यह विडंबना ही है की राजनीति करने सांसद, विधायक तो मृतक के घर पहुंच गए, लेकिन प्रशासन के जिम्मेदार विभागों के अधिकारी अब तक उस प्लांट में जांच हेतु नहीं पहुंच पाए हैं।
गरीब मजदूरों की जान लेने वाले इस प्लांट के जिम्मेदार प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन यह तभी संभव है जब जांच ईमानदारी से होगी। अभी तो एफआईआर में ही झोल दिख रहा है।
पहले भी आसपास के ग्रामीण जनों के द्वारा लगातार धरना-प्रदर्शन कर के इस प्लांट को बंद करने की मांग होती रही है, जिनकी मांगों को अनसुना कर यह प्लांट चल रहा है। आज जब लगातार घटनाएं हो रहीं हैं तब तत्काल कार्रवाई करते हुए इस अवैध प्लांट को अविलंब बंद करना चाहिए।