दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 5 अक्टूबर। दंतेवाड़ा जिले के समेली आश्रम शाला से बालिकाओं का भविष्य उज्जवल हो रहा है। इसमें आश्रम प्रबंधन की विशेष भूमिका है।
ज्ञात हो कि आदिवासी विकास विभाग द्वारा ग्राम समेली में कन्या आश्रम शाला की वर्ष - 2003 में स्थापना की गई है। जिसमें 50 सीटें स्वीकृत है।
वैकल्पिक साधनों से श्रेष्ठ परिणाम
उल्लेखनीय है कि आश्रम शाला का वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। आश्रम शाला हेतु पृथक भवन की व्यवस्था नहीं हो सकी है। अतिरिक्त कक्षों के माध्यम से आश्रम का संचालन किया जा रहा है। इसके बावजूद भी यहां अध्यनरत बालिकाओं का चयन विशेष संस्थानों में हो चुका है।
नवोदय और उन्हें परिंदे में चयनित
कन्या आश्रम शाला की अधीक्षिका चंद्रकला यालम नें जानकारी में बताया कि इस आश्रम शाला से बड़ी संख्या में बालिकाओं का चयन विशेष संस्थानों में हो चुका है। इनमें नवोदय विद्यालय और नन्हे परिंदे, दंतेवाड़ा प्रमुख रूप से शामिल है। अधीक्षिका ने बताया कि उन्हें जिला प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय पर्व के दौरान पुरस्कृत भी किया गया था। जिससे उन्हें प्रोत्साहन मिला।
यह संस्था बालिकाओं से परिपूर्ण रहती है। आश्रम की लोकप्रियता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि दूरस्थ गांवें से भी यहां बालिकाएं शिक्षा ग्रहण करने आती हैं। यहां अध्यनरत बालिकाओं की पूर्ण समर्पण के साथ सेवा की जाती है। जिससे बालिकाओं को अपने घरों की याद भी नहीं सताती है। बालिकाओं ने बताया कि उन्हें बेहतर भोजन मिलता है। इसके साथ ही अन्य सुविधाएं भी बेहतर मिलती है।