सुकमा

मोक्षदा एकादशी पर शबरी नदी में नौका विहार को देखने सैकड़ों उमड़े
27-Dec-2020 8:44 PM
 मोक्षदा एकादशी पर शबरी नदी में नौका विहार को देखने सैकड़ों उमड़े

  कोंटा में सीता-राम की निकाली पालकी शोभायात्रा   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

सुकमा/दोरनापाल, 27 दिसंबर। सुकमा जिले के कोण्टा में आतिशबाजी, ढोल नगाड़ों की थाप और शहनाइयों के बीच नौका विहार उत्सव कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 

तेलंगाना की सीमाओं से जुड़े दक्षिण छत्तीसगढ़ के प्रवेश द्वार त्रिवेणी संगम और विभिन्न संस्कृतियों से परिपूर्ण ताड़ वनों का द्वीप श्री श्री श्री माणिकेश्वर स्वामी की पुण्य धरा शबरी के तट पर बसा कोण्टा प्रारम्भ से ही विशिष्ट सृजनात्मक क्षमताओं,कला रंगमंच की वजह से हमेशा एक नई पहचान बनाता रहा है। इन दिनों कोण्टा में जिस प्रकार का आध्यात्मिक माहौल निर्मित हुआ है उसके बेहतर परिणाम सामने आने लगे है। यहां के युवाओं के इसी आध्यात्मिक सोच ने कोण्टा को पुन: भक्तिमय बनाने की दिशा में अपने प्रयासों में और तेज़ी लाया है।

मोक्षदा एकादशी के अवसर पर कोण्टा में 25 दिसम्बर को ‘‘तेप्पोत्सवम’’ नौका उत्सव का भक्तिमय कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न हुआ। इस आध्यात्मिक भक्तिमय कार्यक्रम में हजारों की संख्या में  नगरवासी एवं पड़ोसी प्रांत के सैकड़ों भक्त शामिल होकर भगवान श्री राम चन्द्र जी, श्री माणिकेश्वर स्वामी का आशीर्वाद प्राप्त किया।

‘‘मोक्षदा एकादशी’’ को सुबह 4 बजे श्री श्री श्री मणिकेश्वरी शिव मन्दिर में ‘‘उत्तर द्वार दर्शन’’ का कार्यक्रम रखा गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालु इस द्वार दर्शन में भाग लेकर शिव केशव जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।

तत्पश्चात संध्या 4 बजे सीता राम चन्द्र जी की पालकी शोभा यात्रा की शुरुआत मणिकेश्वर मन्दिर के प्रांगण से शुरू किया गया। शोभायात्रा में आंध्रप्रदेश से आए कलाकारों के द्वारा शिव तांडव,अघोरा नृत्य, एवम् आध्यात्मिक गीतों में नृत्य प्रदर्शन का कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहा।

 आतिशबाजी के बीच पालकी शोभायात्रा पूरे कोंटा नगर  में भ्रमण के पश्चात शबरी तट पर पहुंचा, जहां श्री सीता राम चन्द्र स्वामी तथा शिव पार्वती की पूजा-अर्चना किया गया, तत्पश्चात श्री सीता राम चन्द्र जी को हंस वाहिनी नौका विहार यात्रा जय श्री राम के नारों के बीच शबरी नदी में पूरे 3 चक्कर लगाया गया। इस दौरान जबरदस्त आतिशबाजी की गई।

शबरी नदी में नौका विहार के बाद शबरी माता की भव्य महा आरती सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर सैकड़ों भक्त अपने घर से साथ में लाए आरती थाली लेकर समूह आरती में शामिल हुए।

विदित हो कि इस प्रकार का आयोजन प्रति वर्ष सीमावर्ती भद्राचलम में सम्पन्न होता है, इसके अनुरूप गत चार वर्षों से इस आयोजन को कोण्टा नगरी के शबरी तट पर किया जा रहा है। माणिकेश्वर स्वामी ट्रस्ट के युवाओं के द्वारा पी.विजय के नेतृत्व में गोपाल कृष्ण नायडू,सुभाष चतुर्वेदी, साई श्रीनिवास, राम शास्त्री, वीरभद्र, प्रसाद रेड्डी, जे.मोहन, रामबाबु, दीपक, नवीन, पवन,एम.श्रीनिवास, एम.विजय, के.श्रीनिवास, गोपेश एवं अन्य सदस्यों का विशिष्ठ योगदान रहा।

 मणिकेश्वर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पी. विजय ने कहा कि कोंटा नगर हमेशा आध्यात्मिक कार्यक्रमों में आगे रहता है चाहे दुर्गा उत्सव हो शिवरात्रि हो रामनवमी हो, बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं विगत 4 वर्ष से मोक्षदा एकादशी को मनाते आ रहे हैं कोंटा में श्री श्री श्री मणिकेश्वर मन्दिर 400 वर्ष पुरानी है और त्रिवेणी संगम के बीच शबरी तट पर बसा कोंटा नगरी के लोगों पर शिव केशव का आशीर्वाद सदा बने रहता है शबरी नदी बारह माही बहने वाली जीवंत नदी है जिसके जल में बहुत ही मिठास रहता है ऐसी धरा पर जीवन व्यापन करने वाले सभी कोंटा वासियों को ये सौभाग्य प्राप्त हुआ है।

वैसी जीवंत शबरी नदी में इस प्रकार के कार्यक्रम करके शबरी माता का महाआरती में भाग लेकर आशीर्वाद प्राप्त कर रहे है। आशा करते है कि शिव केशव का आशीर्वाद सदा कोंटा नगरी के भक्तों में बनी रहे ताकि आने वाले दिनों में भी वरिष्ठ लोगों के मार्गदर्शन से ऐसे पुनीत कार्यों को भव्य रूप से संपन्न करते जाएंगे। कार्यक्रम का संचालन टी.श्रीनिवास वासु ने किया। कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा की बेहतरीन व्यवस्था कोण्टा पुलिस विभाग ने किया।

 

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