नारायणपुर

उबड़-खाबड़ पहाड़ को काटकर बनाई सडक़ ग्रामीणों के लिए बनी वरदान
28-Dec-2020 6:28 PM
उबड़-खाबड़ पहाड़ को काटकर बनाई सडक़ ग्रामीणों के लिए बनी वरदान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नारायणपुर, 28 दिसम्बर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा अधोसंरचना विकास के कार्य लगातार किए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के दूरस्थ वनांचल नारायणपुर जिला मुख्यालय से नक्सल प्रभावित ईलाके की तरफ बढ़ें, तो 50 किलोमीटर दूर पहाड़ों से घिरे टेमरूगांव ग्राम पंचायत आपका स्वागत करता बोर्ड नजर आयेगा। पहाड़ों से घिरे पंचायत में 2 गाँवों के 6 पारा-टोले हैं। यहां लगभग 200 परिवार रहते हैं। ईलाके की प्राकृतिक सुंदरता आपको जैसे बांध ही लेती है, लेकिन यह सुंदरता बाहर से गये लोगों को ही देखने में अच्छी लगती है।

पहाड़ों की तराई में बसे गांवों में रहने वाले लोग बहुत कठिन परिस्थितियों में जीवन गुजारते हैं। पहुंच मार्ग के अभाव में किसी भी गांव व क्षेत्र का विकास की बात करना महज कोरी कल्पना सी है, लेकिन प्रशासन के प्रयास से यह जरूरी सुविधायें पहुंचने लगी है। नक्सल प्रभावित सुदूर वनांचल के निवासी जो वर्षों से सडक़ की समस्या से जूझ रहे थे। उन्हें जिला प्रशासन ने कन्हारगांव से टेमरूगांव 8 किलोमीटर और टेमरूगांव से टोयमेटा तक 7 किलोमीटर पक्की सडक़ की सौगात दी है।

इन्ही गांवों में से एक है टेमरूगांव है, जो लगभग ऊंची पहाड़ी पर बसा है। लोगों की दिक्कत और आवागमन की सुविधा के लिए प्रशासन ने पहाड़ को काटकर सडक़ बनाने का दुरूह कार्य कर दिखाया है। पहले जहां गांव में पहुंचने के लिए पैदल चलना मुश्किल था, अब वहां सडक़ है, बिजली है, उचित मूल्य की दुकान, साफ पीने का पानी है, स्कूल है और स्कूल में शिक्षक हैं। लेकिन कुछ साल पहले तक यह सब बुनियादी सुविधाएं यहां के लोगों के लिए सपना थीं। स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ-साथ एम्बुलेंस और अन्य बुनियादी सुविधायें गांवों तक पहुंच रही है। सडक़ बन जाने से ग्रामीणों को अब शिक्षा, स्वास्थ्य, आवागमन एवं खाद्यान्न की बुनियादी सुविधाएं मिलने लगी हैं। जिससे सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है।

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