कोरिया
पतंजलि परिवार द्वारा विचार संगोष्ठी आयोजित
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़, 5 जनवरी। भारत स्वाभिमान व पतंजलि आयुर्वेद एवं स्वदेशी वैदिक संस्कृति तथा सेवा साधना के 26 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में सरस्वती शिशु मंदिर के खेल मैदान में पतंजलि योग समिति तहसील शाखा द्वारा विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर वरिष्ठ योग प्रशिक्षक एवं पतंजलि योग समिति के तहसील प्रभारी सतीश उपाध्याय, योग समिति के संरक्षक ठाकुर प्रसाद केसरी एवं पतंजलि योग समिति के कोरिया शाखा की जिला प्रभारी बलबीर कौर ने आयुर्वेद चिकित्सा एवं परंपरागत जड़ी-बूटी महात्म पर विचार व्यक्त किए। बलबीर कौर ने योग गुरु बाबा रामदेव के तप साधना की चर्चा करते हुए कहा कि उनके प्रयास से आज योग घर-घर पहुंच गया है एवं लाखों-करोड़ों लोगों को इसका लाभ मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में वन औषधि वाटिका की आवश्यकता बताते हुए वरिष्ठ योग प्रशिक्षक सतीश उपाध्याय
ने कहा छत्तीसगढ़ में विभिन्न औषधीय पौधों के लिए अनुकूल जलवायु है, इसलिए छत्तीसगढ़ में औषधि पौधों की वाटिका तैयार करने हेतु राज्य शासन को पहल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में विशेष रूप से औषधीय पौधों में हर्रा, बहेड़ा, आंवला, गूलर, सेमर, अर्जुन, अशोक, नीम, करंज, इमली, अमलतास, कचनार, गिलोय आदि औषधि पौधों के लायक मिट्टी एवं जलवायु है, इसलिए आगामी वर्षों में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार द्वारा छत्तीसगढ़ में औषधि पौधों के संरक्षण की दिशा में पहल की जाएगी। इस अवसर पर पतंजलि योग समिति के योग साधक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के नेत्र अधिकारी आरडी दिवानख् ,विश्वनाथ गुप्ता, राकेश अग्रवाल, विवेक तिवारी, कैलाश दुबे, दिवाकर मिश्रा, धर्मराज वर्मा, कांता चावला, प्रतिभा सोलोमन, सुनीता माखीजा, निर्भय शंकर गुप्ता एवं रामसेवक विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे। पतंजलि योग समिति के संरक्षक ठाकुर प्रसाद केसरी ने आयुर्वेदिक के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया एवं स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील की। कार्यक्रम का संचालन पतंजलि योग समिति के तहसील प्रभारी सतीश उपाध्याय ने किया।